Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    9 महीने में बेरोजगार से बना साइबर ठग, 28 करोड़ ठगने पर रखने लगा कैश गिनने की मशीन; राजस्थान पुलिस ने नोएडा से दबोचा

    By MUNISH SHARMAEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 26 Jun 2025 11:48 AM (IST)

    राजस्थान की धौलपुर पुलिस ने नोएडा से साइबर ठग सागर चौधरी को गिरफ्तार किया है। वह गरीब लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनमें ठगी की रकम डलवाता और ...और पढ़ें

    Hero Image

    राजस्थान धौलपुर पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठगी का आरोपित। सौ. पुलिस

    मुनीश शर्मा, नोएडा। गरीब लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनमें साइबर के जरिए ठगी रकम को डलवाकर निकालने वाले ठग को राजस्थान के धौलपुर पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 151 स्थित जेपी अमन सोसायटी से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ठग अलीगढ़ के विसारा गांव का रहने वाला सागर चौधरी है। नौ माह पहले तक वह बेरोजगार था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर ठगों के संपर्क में आने पर खुद भी ठग बन गया। आयकर विभाग के रडार में नहीं आने वाले धौबी, घरेलू सहायक व मजदूर आदि को 10-15 हजार रुपये देकर उनके बैंक खाते खुलवाता था। ज्यादातर खाते अलीगढ़ व नोएडा में खुलवाए गए। करीब 12 बैंक खातों की जानकारी मिली है। उनका एक्सेस लेकर ठगी की रकम को लेता था।

    noida (40)

    राजस्थान धौलपुर पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठगी के आरोपित सागर से बरामद सामान। सौ. पुलिस

    लोगों को कुछ कमीशन देकर पैसों को बैंकों से निकालकर ठगों तक पहुंचाता था। नोएडा में खुद के दो बैंक खाते खुलवाएं। उनमें ठगी की 28 करोड़ रुपये की राशि आई। धनराशि को गिनने के लिए मशीन भी खरीदी। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने कैश मशीन को बरामद किया है। पैसों को गिनकर साइबर ठगों तक पहुंचाता था।

    नोएडा की सोसायटी जी रहा था शान ओ शौकत की जिंदगी 

    सितंबर 2024 में राजस्थान धौलपुर के व्यक्ति से हुई 22 लाख रुपये की ठगी में उसके बैंक खाते का लिंक मिला तो मंगलवार को राजस्थान धौलपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। सागर नोएडा सेक्टर 151 स्थित जेपी अमन सोसायटी में रहकर शान ओ शौकत की जिंदगी जी रहा था। जर्मन शेर्फड, लेब्राडोर व पिटबुल नस्ल के तीन कुत्ते भी पाले रखे हैं।

    कितना पढ़ा-लिखा है आरोपी?

    ग्रेजुएट पास सागर चार साल से नोएडा में रह रहा है। वह पिछले साल नौकरी की तलाश करने के दौरान उत्तर प्रदेश के तीन ठगों के संपर्क में आया था। सागर के खुद को बेरोजगार बताने पर उन्होंने चंद दिनों में पैसे कमाने का सुझाव दिया था, लेकिन आमजन की आंखों में धूल झोंकने के लिए खुद को कैफे संचालक बताता था, लेकिन मीडिएटर बनकर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध करा रहा था पांच से दस प्रतिशत तक कमीशन ले रहा था। 

    राजस्थान धौलपुर साइबर क्राइम थाना प्रभारी आरपीएस मुनेश कुमार की जांच में अभी तक सामने आया है कि बैंक खातों पर ठगी की राशि ट्रांसफर होने की तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से 25 से ज्यादा शिकायत दर्ज हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को वाट्सएप व टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़ कर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगते थे।

    तीन डायरी में लिखा मिला लेखा-जोखा

    पुलिस को सागर के पास तीन कैश गिनने की मशीन के अलावा तीन डायरी भी मिली हैं। इनमें ठगी की रकम के अलावा मोबाइल, लैपटाप, 33 एटीएम के पिन आदि की जानकारी अंकित हैं। इसके आधार पर पुलिस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। हालांकि शुरूआती जानकारी में उसके तीन साथियों के नाम पते पुलिस को मिले हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

    इन तीनों के संपर्क में आने पर सागर साइबर ठग बना था। इनकी तरह ही रुपये कमाने पर वह भी अच्छी नस्ल के कुत्ते पाल रहा था। सागर के फ्लैट की पार्किंग में हाइस्पीड बाइक व लग्जरी कार भी खड़ी मिली हैं। उधर, सागर के पिता स्वास्थय विभाग से सेवानिवृत्त हैं। सागर के स्वजन ने पुलिस से उसके ठग बनने संबंधी जानकारी होने से इनकार किया है।