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    क्या चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी की बढ़ेंगी मुश्किलें? 'कैश फॉर वोट' केस के आरोपी ने SC को लिखी चिट्ठी

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 11:05 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कैश फॉर वोट मामले के एक आरोपी जेरूसलम मथाय्या ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर दोनों मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मामले में दोबारा जांच शुरू करवाने और TDP और कांग्रेस पार्टी को बैन करने का भी आग्रह किया है।

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    तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू। फाइल फोटो

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 'कैश फॉर वोट' केस के आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखते हुए दोनों सीएम के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है।

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    यह पत्र 23 सितंबर 2025 को लिखा गया है। पत्र भेजने वाले का नाम जेरूसलम मथाय्या है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में नए सिरे से जांच करवाने के साथ-साथ TDP और कांग्रेस पार्टी को बैन करने की भी मांग की गई है।

    5 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप

    जेरूसलम मथाय्या 'कैश फॉर वोट' केस में आरोपी और पीड़ित दोनों हैं। मथाय्या का कहना है कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके सहयोगी रहे रेवंत रेड्डी के कहने पर सब किया था। 2016 में उन्हें TRS के विधायक को 5 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आदेश दिया गया था।

    सुप्रीम कोर्ट को दिए गए पत्र में मथाय्या ने चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे लोकेश नायडू समेत कई TDP नेता, पुलिस और जांच एजेंसियों को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने रेवंत रेड्डी समेत सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके लिए कोर्ट से मामले में दोबारा जांच शुरू करवाने का आग्रह किया गया है।

    'कैश फॉर वोट' केस

    बता दें कि 'कैश फॉर वोट' मामला 2015 में सामने आया था। तत्कालीन TDP विधायक रेवंत रेड्डी पर आरोप था कि उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य का वोट खरीदने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी। इस बातचीत का ऑडियो लीक हो गया था, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की आवाज होने का भी दावा किया गया था। हालांकि, मामले में पुख्ता सबूत न मिलने के कारण किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

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