Chhatisgarh Dental College: 7 PG छात्रों पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, बैकडोर एंट्री वाले नामांकन रद
साल 2018 में डेंटल विज्ञान के पोस्टग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा फैसला लिया। कोर्ट ने एडमिशन को अवैध बताया और इसे रद कर दिया। कोर्ट ने बताया कि इन सातों छात्रों ने बैकडोर एंट्री की थी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उन सात छात्रों के नामांकन को रद कर दिया जिन्हें साल 2018 में डेंटल विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट कोर्स में दाखिला दिया गया था। कोर्ट ने इसे अवैध करार दिया और इसे बैकडोर एडमिशन बताते हुए तर्कसंगत नहीं बताया।
सुप्रीम कोर्ट से किया गया ये निवेदन
शीर्ष कोर्ट ने उन सभी निवेदनों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें इन छात्रों के लिए पैरवी की गई थी। ये पैरवी करने वाले कालेज और छात्र थे। इन्होंने निवेदन किया था कि छात्रों की पढ़ाई पूरी हो गई है, इसलिए इसे रद न करें और उन्हें कोर्स पूरा करने दें।
छत्तीसगढ़ के डेंटल कालेज का है मामला
छत्तीसगढ़ के डेंटल कालेज में साल 2018 में इन छात्रों ने दाखिला लिया था। जस्टिस एम.आर. शाह और एम.एम. सुंदरेश की बेंच ने कहा, 'याचिकाकर्ताओं को अवैध तौर पर नामांकन मिला था, इसका पता चलते ही कोर्ट ने एडमिशन रद करने का फैसला ले लिया।'
एडमिशन का डेडलाइन खत्म होने के बाद मिला था दाखिला
डेंटिस्ट शैलेन्द्र शर्मा व 6 अन्य को PG सीटों का आवंटन mop राउंड में भी नहीं हुआ था। इसके बावजूद इन्हें PG कोर्सेज में डेडलाइन खत्म होने के बाद दाखिला मिला था। संबंधित अथारिटी आधिकारिक कम्युनिकेशन के साथ सामने आए और नामांकनों को रद कर दिया। डेंटल काउंसिल आफ इंडिया ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया था।