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    कलकत्ता HC के न्यायाधीशों के टकराव का मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने सभी फैसलों पर लगाई रोक, बंगाल सरकार को भी नोटिस जारी

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Sat, 27 Jan 2024 12:53 PM (IST)

    Calcutta HC Judges Conflict सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आरक्षित श्रेणी के फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने और एमबीबीएस उम्मीदवारों के प्रवेश में ...और पढ़ें

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    Calcutta HC Judges Conflict सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाई कोर्ट के जजों का मामला।

    एजेंसी, नई दिल्ली। Calcutta HC Judges Conflict सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की ओर से साथी न्यायाधीश सौमेन सेन के खिलाफ लगाए गए 'कदाचार' के आरोपों पर स्वत: संज्ञान लिया है। मामले पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बंगाल सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

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    सभी मामलों पर रोक

    दरअसल, सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आरक्षित श्रेणी के फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने और एमबीबीएस उम्मीदवारों के प्रवेश में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। 

    अब सोमवार को फिर सुनवाई

    एक विशेष सुनवाई में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और मूल याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया।

    कोर्ट ने मामले में एकल-न्यायाधीश पीठ और खंडपीठ द्वारा पारित आदेशों पर भी रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि हम इस पर सोमवार को विचार करेंगे। 

    दो जजों में विवाद

    इससे पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले की सीबीआई जांच के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी।इसके बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन पर राज्य में विशेष राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया।

    दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने बंगाल में सरकारी मेडिकल कालेजों और अस्पतालों में एमबीबीएस उम्मीदवारों के प्रवेश में कथित अनियमितताओं की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। हालांकि, बंगाल सरकार ने इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ का रुख किया, जिसने एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया।

    बाद में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि खंडपीठ के आदेश के बावजूद सीबीआइ की ओर से जांच जारी रहेगी। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने इसी के साथ अपने आदेश में खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति सौमेन सेन पर बंगाल की एक राजनीतिक पार्टी के लिए काम करने का आरोप लगाया।

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