Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जजों की लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट, पढ़ें क्यों मामले की जद में है ममता सरकार

    कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ और डिवीजन बेंच द्वारा एक दूसरे से असहमत होकर पारित कुछ आदेशों से विवाद उत्पन्न हो गया है। अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ आज यानी 27 जनवरी को विशेष बैठक में मामले की सुनवाई करेगी। पूरा मामला पश्चिम बंगाल के फर्जी जाति प्रमाणपत्र को लेकर है।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 27 Jan 2024 10:52 AM (IST)
    Hero Image
    कलकत्ता हाई कोर्ट की लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट।

    एजेंसी, नई दिल्ली। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश और खंडपीठ के फैसले के बीच का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने खुद इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।

    दो जजों के अलग फैसलों पर विवाद

    दरअसल, मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ और डिवीजन बेंच द्वारा एक दूसरे से असहमत होकर पारित कुछ आदेशों से उत्पन्न हुआ। अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ आज यानी 27 जनवरी को विशेष बैठक में मामले की सुनवाई करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा, पीठ में अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस हैं।

    ये है पूरा मामला

    • यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका से उत्पन्न हुआ है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश को आसान बनाने के लिए कई व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
    • न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा। कुछ समय बाद बंगाल सरकार ने मामले को लेकर न्यायमूर्ति सेन और उदय कुमार की खंडपीठ का रुख किया, जिसने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी।
    • न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने फिर से मामले की सुनवाई की और पश्चिम बंगाल पुलिस को कागजात सीबीआई को देने को कहा। गुरुवार को खंडपीठ एकल न्यायाधीश पीठ के फैसले से सहमत नहीं थी।
    • इसके बाद गंगोपाध्याय ने 25 जनवरी को मामले की फिर से सुनवाई की और न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ कुछ टिप्पणियां पारित कीं।
    • न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने आदेश में खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति सौमेन सेन पर पश्चिम बंगाल राज्य में एक राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया है।
    • न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने कलकत्ता एचसी की खंडपीठ के आदेश को नजरअंदाज करने का निर्देश दिया था और सीबीआई को फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में अपनी जांच शुरू करने के लिए कहा था।
    • न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि न्यायमूर्ति सेन ने सत्ता में कुछ राजनीतिक दल को बचाने के लिए ऐसा किया है और उनका ये कदम स्पष्ट रूप से कदाचार के समान हैं।

    अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वत: संज्ञान लिया है और इस पर आज सुनवाई होगी।