केंद्र सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, 49 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा; जानिए अब कितना हुआ DA
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी। यह मूल वेतन या पेंशन के 53 प्रतिशत की मौजूदा दर में दो प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है ताकि मूल्य वृद्धि की भरपाई की जा सके।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत पहुंचाने वाला निर्णय किया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
इसके तहत वेतन व पेंशन की 53 प्रतिशत की मौजूदा दर में दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है, ताकि महंगाई की भरपाई की जा सके। इस फैसले के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़कर मूल वेतन का 55 प्रतिशत हो गया है।
48 लाख कर्मचारियों को लाभ
महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में वृद्धि के कारण राजकोष पर प्रति वर्ष 6614.04 करोड़ रुपये का संयुक्त प्रभाव पड़ेगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 48.66 लाख कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
यह वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार की गई है। वहीं 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में भी काफी बढ़ोतरी होगी।
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
- 8वें वेतन आयोग के लागू होने को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है 8 वें वेतन आयोग द्वारा लिए गए निर्णय, समीक्षा और सुझाव अगले साल जनवरी 2026 से लागू हो सकते हैं।
- बता दें कि 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू कर दिया गया था। लेकिन कर्मचारियों को इसका लाभ जुलाई 2016 से हुआ था। इस बैठक के सुझाव के तहत सरकार ने बेसिक सैलरी को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।
सप्लाई चेन में आत्मनिर्भर बनेगा देश
एक अन्य निर्णय में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 22,919 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी।
इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करके एक मजबूत घटक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, क्षमता और योग्यता विकसित करके घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) को बढ़ाना और भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करना है।
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