बंदरगाहों व जहाजों की सुरक्षा के लिए बनेगा ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्यूरिटी, अमित शाह की स्तरीय बैठक में लिया गया फैसला
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, सरकार ने बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 'ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्यूरिटी' की स् ...और पढ़ें
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बंदरगाहों व जहाजों की सुरक्षा के लिए बनेगा ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्यूरिटी (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की बढ़ती भागीदारी और उसमें समुद्री मार्ग की अहम भूमिका को देखते हुए सरकार ने बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा पुख्ता करने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस सिलसिले में गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ब्यूरो आफ पोर्ट सिक्यूरिटी के गठन का फैसला किया गया। यह ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी की तर्ज पर काम करेगा।
बैठक में शाह के साथ नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनेवाल भी मौजूद थे। बैठक के दौरान अमित शाह ने देशभर में बंदरगाहों के लिए एक मजबूत सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए ब्यूरो आफ पोर्ट सिक्यूरिटी को समय की जरूरत बताया।
किसे सौंपी जाएगी जिम्मेदारी?
ब्यूरो आफ पोर्ट सिक्यूरिटी के नेतृत्व किसी वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी को सौंपा जाएगा, जो महानिदेशक कहा जाएगा। नियुक्ति, सेवाशर्तों व अन्य प्रक्रिया पूरी होने तक अगले एक साल के लिए नौवहन महानिदेशक को ब्यूरो आफ पोर्ट सिक्यूरिटी के महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
पूर्ण रूप से काम करने के बाद यह ब्यूरो बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा से संबंधित सूचनाओं का विश्लेषण करेगा और उसे संबंधितक एजेंसियों के साथ आगे की कार्रवाई के लिए साझा भी करेगा। ब्यूरो में जल परिवहन और बंदरगाहों के डिजिटल संचालन से जुड़े खतरों से निपटने के लिए अलग प्रभाग भी होगा। ताकि किसी साइबर हमलों से उसे सुरक्षित रखा जा सके।
ब्यूरो आफ पोर्ट सिक्यूरिटी के गठन के साथ बंदरगाहों की सुरक्षा की मूल जिम्मेदारी सीआइएसएफ को सौंपी गई है और उसे नामित एजेंसी बनाया गया। यानी बंदरगाहों की सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी सीआइएसएफ की होगी। मौजूदा समय बंदरगाहों पर बड़ी संख्या में निजी सुरक्षा एजेंसियों के सिक्यूरिटी गार्ड भी तैनात है।
CISF से कराना होगा सर्टिफाई
सीआइएसएफ को ऐसे सभी सिक्यूरिटी गार्ड को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी भी सीआइएसएफ को सौंपी गई है। इसके अलावा ऐसे सिक्यूरिटी गार्ड को तैनात करने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों को भी सीआइएसएफ से सर्टिफाई कराना होगा। निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी नियम तय किये जाएंगे और उसके अनुरूप ही उन्हें काम करना होगा।

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