फैजाबाद : वरुण गांधी के प्रतिनिधि पर बम से हमला, मारे गए दो हमलावार
सुल्तानपुर सांसद वरुण गांधी के प्रतिनिधि पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह और उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह पर जिला अदालत परिसर में कुछ लोगों ने बम से हमला कर दिया। बुधवार को दोपहर बाद करीब एक बजे इस वारदात को अंजाम दिया गया, दोनों सुनवाई के लिए जा रहे थे। हमले में दोनों भाई बाल-बाल बच गए लेकिन इनकी ओर से जवाबी कार्रवाई में दो हमलावार मौके पर ही मार गिराए गए।
फैजाबाद। सुल्तानपुर सांसद वरुण गांधी के प्रतिनिधि पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह और उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह पर जिला अदालत परिसर में कुछ लोगों ने बम से हमला कर दिया। बुधवार को दोपहर बाद करीब एक बजे इस वारदात को अंजाम दिया गया, दोनों सुनवाई के लिए जा रहे थे। हमले में दोनों भाई बाल-बाल बच गए लेकिन इनकी ओर से जवाबी कार्रवाई में दो हमलावार मौके पर ही मार गिराए गए। मुठभेड़ में मारे गए एक हमलावर के पास से जिंदा बम भी बरामद हुआ है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मोनू सिंह के पैर में छर्रे लगे हैं। उनके अलावा इस घटना में ऋषिदेव मिश्र, राजकुमार सिंह व मनोज सिंह घायल है। सभी को लखनऊ रेफर किया गया है। फैजाबाद अदालत परिसर इस समय छावनी में तब्दील है। रेंज के आईजी व डीजआइजी के साथ एडीजी कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल व एसटीएफ की टीम मौके पर छानबीन में लगी है। एडीजी ने कहा कि हमलावारों की संख्या पांच होने का अनुमान है। एसटीएफ के साथ पुलिस की टीमें जांच में लगी है। अपराधिक छवि के दोनों भाई सुल्तानपुर में अन्य वारदातों के साथ ही संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड के आरोपी हैं। मोनू सिंह ने इस हमले के लिए संत ज्ञानेश्वर के चेलों पर आरोप लगाया है।
आक्रोशित वकीलों ने पुलिस को पीटा :
कोर्ट परिसर में अचानक बम तथा गोली चलने से वकील आक्रोशि हो गए। इन वकीलों ने फैजाबाद के कोतवाल को जमकर पीटने के बाद उनकी वर्दी भी फाड़ दी। जो भी पुलिस कर्मी इनके सामने पड़ा उसके ऊपर अपना गुस्सा उतारा। इसके जवाब में पुलिस ने भी मारपीट शुरू कर दी। इस प्रकरण में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इस दौरान, एक बदमाश कोर्ट में हंगामा करने के बाद फरार होने में भी कामयाब हो गया।
पुराना आपराधिक इतिहास है :
इलाहाबाद के सन 2005 में माघ मेले के दौरान जब संत ज्ञानेश्वर शिष्य-शिष्याओं के साथ जा रहे थे, तभी इलाहाबाद के हंडिया के नजदीक अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। अस्पताल ले जाते समय संत ज्ञानेश्वर समेत चार की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड के आरोपी विधायक चंद्रभद्र सिंह व संत ज्ञानेश्वर के बीच बाराबंकी के आश्रम को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों ही ओर से हमले के कई मुकदमे दर्ज थे। इस मामले में सुल्तानपुर में भी मुकदमा चल रहा है। संत ज्ञानेश्वर की हत्या का चक्रव्यूह माघ मेले में रहकर ही रचा गया था। संत ज्ञानेश्वर के पास अपने अंगरक्षक थे। हत्यारे कई दिनों से माघ मेले में रहकर गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। वह जैसे ही हंडिया रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचे थे कि काफिले को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग की गई थी। पुलिस ने पहले इसे पूर्वाचल के माफिया ताकतों की साजिश बताई थी, लेकिन बाद में संत ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने विधायक चंद्रभद्र सिंह समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पढ़ें: अंधेरे में तीर चला रही पुलिस