Budget 2024: 'लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को शीर्ष पांच में एक बनाया', राष्ट्रपति मुर्मु बोलीं- सरकार ने महंगाई को काबू में रखा
अंतरिम बजट 2024-25 पेश होने से एक दिन पहले नये संसद भवन में संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान आर्थिक उपलब्धियों का लेखा जोखा पेश किया। उन्होंने कहा कि पहले भारत दुनिया की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल थी लेकिन आज यह दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिम बजट 2024-25 पेश होने से एक दिन पहले नये संसद भवन में संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान आर्थिक उपलब्धियों का लेखा जोखा तो पेश किया ही साथ ही यह भी संकेत दे दिया कि यह सरकार आगे भी आर्थिक सुधारों को लेकर डटी रहेगी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने वर्ष 2014 की तुलना वर्तमान समय से करते हुए कहा कि पहले भारत दुनिया की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल थी, लेकिन आज यह दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। राष्ट्रपति ने रिनीवेबल उर्जा से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार तक और महंगाई की दर से लेकर बैंकों के एनपीए के स्तर तक का आंकड़ा पेश किया, जिसका लब्बो लुआब यहीं था कि मोदी सरकार की नीतियां हर क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है।
'सरकार ने महंगाई को रखा काबू'
दो महीने बाद ही आम चुनाव हैं और ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मु का यह कहना कि उनकी सरकार ने महंगाई को काबू में रखा है और सामान्य जनता पर बोझ नहीं बढ़ने दिया के व्यापक मायने हैं। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा,
बीते वर्षों में विश्व ने दो बड़े युद्ध देखे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया। ऐसे वैश्विक संकटों के बावजूद मेरी सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया। 2014 से पहले के 10 वर्षों में औसत महंगाई दर आठ प्रतिशत से अधिक थी। पिछले दशक में औसत महंगाई दर पांच प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो। पहले भारत में दो लाख रुपये की आय पर टैक्स लग जाता था। आज भारत में सात लाख रुपये तक की आय पर भी टैक्स नहीं लगता। टैक्स छूट और सुधारों के कारण भारत के टैक्सपेयर्स को 10 साल में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।
राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर यह संकेत भी दिये कि वह निजी कंपनियों के लिए काम करने के माहौल को सुविधाजनक बनाने की कोशिश जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार, वेल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करती है तथा भारत के प्राइवेट सेक्टर के सामर्थ्य पर विश्वास करती है। भारत में बिजनेस करना आसान हो, इसके लिए उपयुक्त माहौल रहे, इस पर भी मेरी सरकार लगातार काम कर रही है। कारोबार करने की प्रक्रिया में सुधार हो रहा है। वन और पर्यावरण विभाग से क्लीयरेंस मिलने में जहां 600 दिन लगते थे, वहीं आज 75 दिन से भी कम समय लगता है।
'मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में पांच गुना हुई बढ़ोतरी'
बीते दशक में बड़े आर्थिक सुधारों के कदमों को लेकर उठाये गये कदमों में राष्ट्रपति ने दिवालिया कानून (IBC), जीएसटी का खास तौर पर जिक्र किया। पूंजीगत खर्चे को दस वर्षों में पांच गुना बढ़ा कर 10 लाख करोड़ करने का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने राजकोषीय घाटे के नियंत्रण में रखा है। इसी तरह से विदेशी मुद्रा भंडार के 600 अरब डॉलर के पार हो जाने, भारतीय बैंकिंग सेक्टर में फंसे कर्जे (NPA) घट कर चार फीसद पर आने को भी एक बड़ी उपल्बधि के तौर पर गिनाया और कहा,
भारत का बैंकिंग सेक्टर पहले बुरी तरह से चरमराया था, वह आज दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सिस्टम में से एक बन गया है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी ताकत बन चुके हैं। भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश है। पिछले एक दशक के दौरान मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। पहले खिलौने का आयात करता था, आज निर्यात कर रहा है।
'सौर ऊर्जा की क्षमता 26 गुना बढ़ी'
राष्ट्रपति ने देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए मोदी सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज ग्रीन एनर्जी पर हमारा बहुत फोकस है। सौर ऊर्जा की क्षमता 26 गुना बढ़ी है। पवन उर्जा की क्षमता दो गुनी बढ़ी है। रिनीवेबल ऊर्जा में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। सौर उर्जा क्षमता स्थापित करने में पांचवे स्थान पर है। बीते 10 वर्षों में 11 नए सोलर पार्क बन चुके हैं। नौ सोलर पार्कों पर आज काम चल रहा है।
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उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। मेरी सरकार ने 10 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को स्वीकृति दी है। हाइड्रोजन एनर्जी के क्षेत्र में भी भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम अभी तक लद्दाख और दमन-दीव में दो प्रोजेक्ट शुरु कर चुके हैं।
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