चीनी सीमा तक सुरंग बनाएगा भारत, भारतीय सेना के लिए साबित होंगी वरदान
सीमा सड़क संगठन अरुणाचल प्रदेश में 4170 मीटर ऊंचे सेला दर्रा से गुजरने वाली दो सुरंगों का निर्माण करेगा।
ईटानगर (पीटीआई)। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अरुणाचल प्रदेश में 4,170 मीटर ऊंचे सेला दर्रा से गुजरने वाली दो सुरंगों का निर्माण करेगा। इससे तवांग से होकर चीन की सीमा तक की दूरी 10 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
बीआरओ ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इन सुरंगों से तेजपुर में सेना के 4 कॉर्प के मुख्यालय और तवांग के बीच यात्रा के समय में एक घंटे की कमी आएगी। इससे बड़ी बात यह है कि इन सुरंगों से बोमडिला और तवांग के बीच 171 किलोमीटर लंबे रास्ते में हर मौसम में आवागमन हो सकेगा। भारी हिमपात के समय जब सड़क संपर्क टूट जाता है, तो ये सुरंगें भारतीय सेना के लिए वरदान साबित होंगी।
सुरंगों का निर्माण पूर्वी हिमालय में दुर्गम स्थलों से गुजरते हुए तिब्बत के अग्रिम इलाकों तक जल्द पहुंचने की कवायद के तहत किया जा रहा है। विज्ञप्ति के अनुसार, बीआरओ की 'वर्तक' परियोजना के तहत 42 सीमा सड़क कार्य बल के कमांडर आरएस राव ने वेस्ट कमेंग के उपायुक्त सोनल स्वरूप से सुरंग की खातिर भूमि अधिग्रहण करने का अनुरोध किया है। इस परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग तक एकल मार्ग को दोहरे मार्ग में बदलना भी शामिल है।
अरुणाचल प्रदेश में कलाक्तांग और असम में ओरांग के जरिये भूटान सीमा पर एक छोटी सड़क है। लेकिन, उसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसके अलावा सेला सुरंग से तवांग में पर्यटन की संभावनाएं उभरेंगी और ज्यादा पर्यटकों के आने से तवांग पूर्वोत्तर में सबसे मशहूर स्थल बनेगा।
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