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    ट्रेन से भाग रहा था 16 करोड़ का घोटालेबाज, ED ने अहमदाबाद में रुकवा ली रेलगाड़ी; फिर जो हुआ...

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 11:12 AM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो राज्यों में छापेमारी के बाद बीओआई के निलंबित अधिकारी हितेश सिंगला को गिरफ्तार किया। सिंगला पर वरिष्ठ नागरिकों और नाबालिगों के 127 खातों से 16.10 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। उसे अहमदाबाद में उज्जैन-वेरावल ट्रेन से पकड़ा गया जहाँ वह भागने की कोशिश कर रहा था। सिंगला ने दो सालों तक खातों में हेरफेर की जिसमें निष्क्रिय खाते भी शामिल थे।

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    ट्रेन से भाग रहा था 16 करोड़ का घोटालेबाज।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बुधवार को दो राज्यों में 13 घंटे से अधिक समय की छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई के बाद बीओआई के निलंबित अधिकारी हितेश सिंगला को गिरफ्तार कर लिया गया।

    दरअसल, हितेश सिंगला पर वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिकों, मृतक ग्राहकों और निष्क्रिय खाताधारकों के 127 खातें से 16.10 करड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है।

    ट्रेन से हुई निलंबित अधिकारी की गिरफ्तारी

    बताया जा रहा है कि धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद कथित तौर पर फरार चल रहे सिंगला को बुधवार को तड़के सुबह अहमदाबाद में ईडी अधिकारियों ने उज्जैन-वेरावल को रोककर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि सिंगला जांच अधिकारियों को चकमा देकर ट्रेन में के ही डब्बों में बार-बार बदलाव करते हुए भागने कोशिश कर रहा था।

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    ईडी के अधिकारियों ने उन्हें बाद में मुंबई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें वहां से ईडी की हिरासत में भेज दिया।

    जानिए क्या है पूरा मामला

    अभी तक की जानकारी के अनुसार, सिंगला की धोखाधड़ी करीब दो सालों तक चली। अधिकारियों ने इसको जानबुझकर दुर्भावना और आपराधिक इरादे के रूप में बताया है।

    निलंबित अधिकारी सिंगला पर कथित तौर पर बिना किसी की अनुमति के सावधि जमा, पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिकों के बैंक खाते और चालू निष्क्रिय बैंक खाते को बंद करने के लिए बीओआई के सिस्टम में हेरफेर किया।

    जांच में क्या आया सामने?

    एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि सिंगला ने कथित तौर पर उन खातों को चुना जिनकी जांच की संभावना सबसे कम थी। इसमें बुजुर्ग जमाकर्ताओं, नाबालिग, दिवंगत ग्राहकों और लंबे समय से निष्क्रिय खाते शामिल थे। करीब दो सालों तक इन खातों में पैसों की हेरफेर करता रहा।

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