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    वाराणसी में भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

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    Updated: Sun, 04 May 2014 01:34 PM (IST)

    चुनावी रणनीति में अचानक भारी फेरबदल करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

    वाराणसी, [जयप्रकाश पांडेय]। चुनावी रणनीति में अचानक भारी फेरबदल करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के काशी आगमन के पहले संसदीय क्षेत्र पर छा जाने की कवायद में जुटी भाजपा की स्थानीय इकाई ने नगर क्षेत्र के करीब बारह लाख मतदाताओं तक डोर टू डोर सिस्टम से संपर्क करने का महाभियान छेड़ दिया है।

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    दरअसल आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की धुआंधार सभाओं और रोड शो के माध्यम से मतदाताओं में बनती उनकी साइलेंट पैठ ने भाजपा को विचलित कर दिया है। जिला निर्वाचन दफ्तर के आंकड़े बताते हैं कि दो दिन पूर्व तक आप ने जहां 201 सभाएं कीं वहीं भाजपा महज 139 सभाओं व कार्यक्रमों तक सिमटी रही। इन आंकड़ों से बेचैन होने का दंश झेल रही पार्टी वैसे भी गुटबाजी के आरोपों, वरिष्ठ मगर बाहरी नेताओं की फटकार और तमाम आलोचनाओं से दो-चार होती रही है।

    इन्हीं सब बाधाओं को पार करते हुए नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक विजय के लिए संकल्पबद्ध स्थानीय इकाई ने शुक्रवार की रात अचानक तय कर लिया कि बारह लाख मतदाताओं तक पहुंचने के लिए करीब 250 टोलियां नगर क्षेत्र में उतार दी जाएं। इनमें महिलाएं भी होंगी और बुजुर्ग लोगों के साथ स्थानीय नागरिक भी, संख्या कम से कम बीस। शनिवार सुबह से इस योजना पर अमल भी शुरू कर दिया गया। मुख्य संगठन के अलावा महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, युवा मोर्चा के साथ ही अल्पसंख्यक मोर्चे के कार्यकर्ताओं की टोलियां विभिन्न क्षेत्रों में उतर पड़ीं। ास यह है कि इन टोलियों में स्थानीय के साथ-साथ गुजरात, छत्तीसगढ़ व राजस्थान से आए करीब एक हजार लोग भी शामिल हैं।

    प्रदेश प्रभारी अमित शाह के अलावा इन सबको हर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यालयों द्वारा भी निर्देशित किया जा रहा है। भाजपा नेता व बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे देवानंद सिंह बताते हैं कि गुजरात के विकास मॉडल, अल्पसंख्यकों के उत्थान और वहां की कानून व्यवस्था को फोकस कर काशी में तीन चार दिनों में पूरी तरह छा जाएगी भाजपा। यह इस ऐतिहासिक महासमर का अंतिम व सबसे महत्वपूर्ण चरण है। स्थानीय इकाई दिखा देना चाहती है कि उसके कार्यकर्ता भी पसीना बहाना जानते हैं।

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