वन नेशन-वन इलेक्शन बिल: वोटिंग के दौरान अनुपस्थित सांसदों को भाजपा का नोटिस; पार्टी ने पहले ही जारी किया था व्हिप
लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन-वन इलेक्शन बिल पेश कर दिया गया। बिल पर वोटिंग के दौरान भाजपा के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। अब पार्टी ने ऐसे सांसदों को नोटिस जारी करने का फैसला किया है। दरअसल लोकसभा में वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़ा बिल पेश होने के बाद वोटिंग होनी थी। भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन-वन इलेक्शन बिल पेश कर दिया गया। बिल पर वोटिंग के दौरान भाजपा के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। अब पार्टी ने ऐसे सांसदों को नोटिस जारी करने का फैसला किया है।
दरअसल लोकसभा में वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़ा बिल पेश होने के बाद वोटिंग होनी थी। भाजपा ने तीन लाइन का व्हिप जारी कर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा था। लेकिन बावजूद इसके भाजपा के 20 से ज्यादा सांसद वोटिंग के दौरान उपस्थित नहीं थे।
पक्ष में पड़े थे 269 वोट
लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल पेश किया था। बिल पर स्पीकर ओम बिरला ने पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई। तब बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े।
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। तब दोबारा पर्ची से वोट डाले गए। इस बार बिल के पक्ष में 269 वोट और विपक्ष में 198 वोट पड़े। हालांकि बिल को फिर जेपीसी के पास चर्चा के लिए भेज दिया गया।
दो तिहाई बहुमत की जरूरत
लोकसभा में एनडीए के पास 292 सीटें हैं। संविधान संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। इसलिए बिल को पास कराने के लिए 362 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।
वहीं राज्यसभा में एनडीए के पास 112 सांसद हैं। यहां दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। सरकार चाहती है कि बिल पर सभी दलों की एक राय बनाई जा सके। यही वजह है कि बिल को जेपीसी के पास भेजा गया है।
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