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    जातिगत जनगणना को लेकर सियासी खींचतान, केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को बताया विरोधी

    जातिवार जनगणना को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और जी. किशन रेड्डी ने राहुल गांधी को सामाजिक न्याय का विरोधी बताया और कांग्रेस पर पिछड़े वर्गों के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह निर्णय वर्षों की प्रतिबद्धता का परिणाम है जबकि कांग्रेस सिर्फ सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का ढोंग करती रही है।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 01 May 2025 09:17 PM (IST)
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    जातिवार जनगणना पर बीजेपी का वार, राहुल को बताया सामाजिक न्याय का विरोधी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जातिवार गणना को लेकर मची श्रेय लेने की होड़ के बीच भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सिर्फ सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग रचती है। राहुल गांधी सामाजिक न्याय के विरोधी हैं।

    केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कई तथ्यों को सामने रखते हुए जातिवार गणना के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया और कहा कि 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार जातिवार गणना की घोषणा कर अपने ही निर्णय से पीछे हट गई थी।

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    वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन ¨सह ने जातिवार गणना पर एक उपसमिति बनाने का वादा किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जबकि सुषमा स्वराज ने भाजपा की ओर से तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को जातिवार गणना का समर्थन करते हुए पत्र लिखा था। उनकी ओर से पत्र भी साझा किया गया। उस वक्त प्रणब मुखर्जी की ओर से पत्र लिखकर भाजपा का विचार मांगा गया था।

    मोदी सरकार की नीति का तार्किक विस्तार है यह निर्णय : प्रधान

    सत्तारूढ़ पार्टी के ओबीसी चेहरे प्रधान ने जातिवार गणना के निर्णय को देश की प्रगति, वंचितों के अधिकार और सामाजिक न्याय की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर देश की जनता ने सच्ची नीयत और खोखले नारों के बीच के फर्क को स्पष्ट रूप से देख लिया। जब लंबे समय तक केंद्र और राज्यों में कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने सामाजिक न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आज जब जनगणना और सामाजिक सर्वेक्षण की बात हो रही है तो वे भ्रम फैला रहे हैं। उनके बनाए हुए सर्वेक्षणों में जातीय विवरण स्पष्ट नहीं थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के पास न तो इच्छाशक्ति थी, न ही सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता।

    कांग्रेस ने नहीं किया मंडल आयोग की सिफारिशों पर अमल : प्रधान

    प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार ने यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है, बल्कि पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का यह तार्किक और सैद्धांतिक विस्तार है।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा- ''कांग्रेस की राजनीति हमेशा उसके शासक परिवार और सत्ता के इर्द-गिर्द घूमती रही है। जब भी पिछड़े वर्गों के अधिकारों की बात उठी, वे असहज हो गए क्योंकि उन्हें कभी भी सामाजिक न्याय की परवाह नहीं थी।'' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने काका कलेकर समिति और मंडल आयोग की रिपोर्टों पर कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधान ने कहा कि कांग्रेस के विपरीत भाजपा सामाजिक न्याय के एजेंडे पर चलती है।

    मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर हक छीना: रेड्डी

    उधर, केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आरक्षण नीतियों में हेराफेरी करके और मुस्लिम आबादी को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करके ऐतिहासिक रूप से पिछड़े वर्गों के हितों को कमजोर किया है। कांग्रेस ने राम नाथ कोविन्द और द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने का विरोध केवल उनके एससी और एसटी पृष्ठभूमि के कारण किया।

    तेलंगाना में हुआ पिछड़ा वर्ग सर्वे भी बताया पिछड़ा विरोधी

    जी. किशन रेड्डी ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने जातिवार गणना पर एक उपसमिति बनाने का वादा किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं किया, जबकि सुषमा स्वराज ने भाजपा की ओर से तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को जातिवार गणना का समर्थन करते हुए पत्र लिखा था। कांग्रेस की तेलंगाना सरकार द्वारा कराए गए पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण को केंद्रीय मंत्री ने पिछड़ा विरोधी बताते हुए उसमें मुसलमानों को शामिल किए जाने पर कड़ा विरोध जताया।

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