बिहार मतदाता सूची जारी होने पर बीजेपी का राहुल गांधी पर हमला, फाइनल लिस्ट पर कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
बिहार में विशेष गहन संशोधन के बाद निर्वाचन आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी की जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए कोई शिकायत दर्ज न करने का आरोप लगाया। उन्होंने राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से अंतिम मतदाता सूची जारी किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की। उन्होंने राहुल गांधी के 'वोटर अधिकार यात्रा' को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसे 'वोट चोरी' का झूठा नैरेटिव बताया है।
मालवीय ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "निर्वाचन आयोग ने बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी कर अंतिम मतदाता सूची जारी की। यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की।"
उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने और लोगों को गुमराह करने का प्रयास बताया।
As the Election Commission concludes the SIR exercise in Bihar and publishes the final voter roll, let it be noted — the Congress party did not file a single complaint or objection, in the prescribed format, for either inclusion or deletion.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 30, 2025
This exposes Rahul Gandhi’s… https://t.co/N8NNjKe8pf
'वोट चोरी' के दावे के बाद बीजेपी का पलटवार
बीजेपी नेता ने राहुल गांधी के उस आरोप को खारिज किया जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर मतदाता सूची में अनियमितताओं का दावा किया था।
मालवीय ने इसे 'जॉर्ज सोरोस की किताब से निकली रणनीति' बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हार को छिपाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के भरोसे को कमजोर करने की साजिश है। निर्वाचन आयोग ने भी राहुल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने SIR प्रक्रिया को शुरू से ही धोखा बताया। उन्होंने कहा, "यह प्रक्रिया न तो जनता ने मांगी थी और न ही राजनीतिक दलों ने। फिर भी इसे इतनी लापरवाही और अपारदर्शिता के साथ किया गया। इसकी निष्पक्षता संदिग्ध है। हमारे कार्यकर्ता पूरे राज्य में यह जांच करेंगे कि कितने नाम हटाए या जोड़े गए। यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा।"
हाल ही में बिहार में हुई SIR की कवायद शुरू से ही निष्पक्षता और पारदर्शिता के सवालों के घेरे में रही है।
— Rajesh Ram (@rajeshkrinc) September 30, 2025
कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे राज्य में SIR का गहन मूल्यांकन करेंगे कि कितने नाम जोड़े गए और कितने नाम हटाए गए।
यह मुद्दा यहीं समाप्त नहीं होगा। pic.twitter.com/wzTR5P7QMC
47 लाख मतदाताओं के नाम हटने पर सवाल
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर मतदाताओं, राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों का आभार जताया। अंतिम सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जबकि 24 जून तक यह संख्या 7.89 करोड़ थी। यानी, करीब 47 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए।
Who are these 47 Lakh Voters who have deleted from the Final electoral roll in Bihar? @ECISVEEP must break it down into those who have shifted to other states, those who are dead & ghost voters on the rolls.
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 1, 2025
It is this level of granularity of process that is essential to for…
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने इस पर सवाल उठाते हुए X पर लिखा, "बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 47 लाख मतदाता कौन हैं? निर्वाचन आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इनमें से कितने अन्य राज्यों में चले गए, कितने मृत हैं और कितने फर्जी मतदाता थे। इस स्तर की पारदर्शिता जरूरी है ताकि निर्वाचन आयोग अपनी खोई विश्वसनीयता को वापस पा सके।"
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