'वो मंदिरों की बात करती हैं और उनकी टीम मस्जिदों की', भाजपा का ममता बनर्जी पर प्रहार
अयोध्या में राम मंदिर के बाद, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में दुर्गा मंदिर बनाने की घोषणा की है। भाजपा नेता रूपा गांगुली ने इसे ममता की 'बांटो और राज करो' की नीति बताते हुए हिंदू और मुसलमानों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मस्जिद निर्माण की घोषणा के बाद यह विवाद और बढ़ गया है। राजनीतिक पंडित इसे हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश मान रहे हैं।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर ध्वजारोहण के बाद देश में राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में एक दुर्गा मंदिर बनाने की घोषणा की। इस पर भाजपा ने पलटवार किया हैरूपा।
भाजपा नेता रूपा गांगुली ने कहा कि ममता बनर्जी हिंदू और मुसलमानों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह ममता बनर्जी की बांटो और राज करो वाली नीति है। एक तरफ वह मंदिरों की बात करेंगी और दूसरी तरफ उनकी ही टीम के लोग मस्जिदों के बारे में बात करेंगे। यह एक राजनीतिक रणनीति है।
रूपा गांगुली ने क्यों कही यह बात?
दरअसल, टीम से उनका मतलब टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर से था, जिन्होंने मुर्शिदाबाद जिले में 6 दिसंबर को एक मस्जिद निर्माण का एलान किया था। 6 दिसंबर एक अहम तारीख है क्योंकि इसी तारीख को 33 साल पहले बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। साईं कबीर ने कहा था, "मैंने 6 दिसंबर, 1992 को जो देखा... उन्होंने ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। फिर मेरे दिमाग में आया कि अगर मुझे मौका मिला तो मैं मुर्शिदाबाद जाऊंगा और बंगाल में जगह (नई बाबरी मस्जिद बनाने के लिए) तलाश करूंगा।"
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
बनर्जी ने 2026 के चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में बदलाव के खिलाफ एक मार्च को लीड करते हुए कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में एक दुर्गा मंदिर बनाने की योजना की पुष्टि की। इसका निर्माण जनवरी के आखिर तक शुरू हो सकता है। यह शिव को समर्पित महाकाल मंदिर के अलावा है, जो उत्तरी जिले सिलीगुड़ी में बनाया जाना है। इस इलाके में भाजपा को ज्यादा मजबूत माना जा रहा है।
राजनीतिक पंडित ममता बनर्जी के मंदिर के बनने की घोषणा को इलाके के हिंदू वोटर्स से फिर से जुड़ने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं, खासकर उन लोगों से जो भाजपा को वोट देते हैं या भाजपा को वोट देने के मूड में हो सकते हैं।

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