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    One nation, One election: भाजपा ने कोविन्द समिति को सौंपे सुझाव में की एक देश-एक चुनाव की पैरवी

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash
    Updated: Tue, 20 Feb 2024 11:45 PM (IST)

    भाजपा ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समिति को सौंपे सुझाव में की एक देश-एक चुनाव की पैरवी की है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि उन्होंने प्रस्ताव किया है कि अगर तीनों चुनाव तत्काल एक साथ कराना संभव न हो तो पहले लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।नड्डा ने कहा कि समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए आम सहमति बनानी चाहिए।

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    भाजपा ने कोविन्द समिति को सौंपे सुझाव में की एक देश-एक चुनाव की पैरवी

    पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एक देश-एक चुनाव पर गठित पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली समिति को अपने सुझाव सौंपे और लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकायों में एक साथ चुनाव कराने की पैरवी की। पार्टी ने सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची बनाने का भी आह्वान किया।

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    अगर तीनों चुनाव तत्काल एक साथ कराना संभव न हो तो...

    मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में नड्डा ने बताया कि उन्होंने प्रस्ताव किया है कि अगर तीनों चुनाव तत्काल एक साथ कराना संभव न हो तो पहले लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। लेकिन दीर्घकाल में स्थानीय निकायों के चुनाव भी लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव के साथ कराए जाने चाहिए अन्यथा बार-बार लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता की वजह से इसका मकसद विफल हो जाएगा।

    नड्डा ने कहा कि समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए आम सहमति बनानी चाहिए, साथ ही विश्वास जताया कि इस पर सभी लोग एक साथ आगे बढ़ेंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने इस विचार का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया है कि यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है।

    दिए हुए सुझावों के बारे में क्या बोले नड्डा

    दिए हुए सुझावों के बारे में नड्डा ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता की वजह से प्रशासन और सुशासन प्रभावित होता है। चुनाव के दौरान चल रहे जन-कल्याणकारी कार्यों को रोक दिया जाता है, अक्सर एक राज्य में तीन बार। इससे आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाती हैं और राजनीतिक दलों व सरकारों पर वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। इससे भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है। अलग-अलग चुनाव होने की स्थिति में आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों को भी बार-बार चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है। शिक्षक एवं स्वास्थ्य कर्मियों जैसे अन्य कर्मचारी भी चुनाव कार्यों में लगाए जाते हैं।

    इससे प्रशासन और जन-कल्याणकारी कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आम सहमति का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में नड्डा के साथ भूपेंद्र यादव और ओम पाठक शामिल थे।

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