भगवान बुद्ध के साथ पहली बार उनके दो शिष्यों की भी अस्थियां वैश्विक पटल पर होगी प्रदर्शित, कहां और कब कर पाएंगे दर्शन?
भगवान बुद्ध ( Lord Buddha ) की अस्थियों के साथ उनके दो शिष्यों ( disciples ) की अस्थियां भी वैश्विक पटल पर प्रदर्शित होगी। थाइलैंड सरकार के विशेष अनुरोध पर भारत सरकार ने इन पवित्र अस्थियों को भेजने का फैसला लिया है । इन्हें वायु सेना के विशेष हरक्यूलस विमान से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ 22 फरवरी को रवाना किया जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया को शांति का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों को वैसे तो लोगों के दर्शनार्थ अब तक दुनिया के कई देशों में भेजा जा चुका है लेकिन यह पहला मौका होगा, जब भगवान बुद्ध की अस्थियों के साथ उनके दो शिष्यों की अस्थियां भी वैश्विक पटल पर प्रदर्शित होगी। इनका दुनिया भर के बौद्ध धर्म के अनुयायी 22 फरवरी से 18 मार्च के बीच थाइलैंड में दर्शन कर सकेंगे।
22 फरवरी को थाइलैंड पहुंचेगी पवित्र अस्थियां
थाइलैंड सरकार के विशेष अनुरोध पर भारत सरकार ने इन पवित्र अस्थियों को भेजने का फैसला लिया है। इन्हें वायु सेना के विशेष हरक्यूलस विमान से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ 22 फरवरी को रवाना किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में थाइलैंड भेजी जा रही भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों की अस्थियां की जानकारी दी।
दो शिष्य की मौत भगवान बुद्ध के सामने हुई थी
साथ ही बताया कि यह भारत की एक सॉफ्ट डिप्लोमेसी का भी हिस्सा है। इस बीच भगवान बुद्ध के साथ उनके जिन शिष्यों की अस्थियों को भी भेजा जा रहा है, उनके परम शिष्य रहे अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हन्त महामोगल्यान शामिल है। बताते है कि भगवान बुद्ध के इन दोनों शिष्यों का निधन उनके सामने ही हो गया था। उन्होंने अपने सामने इन दोनों का अंतिम संस्कार कराया था। साथ ही इनकी अस्थियों का संचय भी कराया था। मौजूदा समय में यह मध्य प्रदेश के सांची स्तूप में संरक्षित है।
कहां-कहा भगवान बुद्ध की अस्थियां
संस्कृति मंत्रालय ने मध्य प्रदेश सरकार से चर्चा के बाद इन दोनों की अस्थियों को भी थाइलैंड भेजने की सहमति दी है। संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक भगवान बुद्ध की मौजूदा समय में देश में 22 पवित्र अस्थियां है। इनमें से 20 अस्थियां मौजूदा समय में राष्ट्रीय संग्रहालय के पास है और दो कोलकाता के संग्रहालय में मौजूद है। इनमें से चार अस्थियों को थाइलैंड भेजा जा रहा है।
बौद्ध धर्म ने अनुयायी इन पवित्र अस्थियों को साक्षात भगवान जैसा मानते है। बता दें भगवान बुद्ध की इन पवित्र अस्थियों को इससे पहले श्रीलंका, कंबोडिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया भी भेजा जा चुका है। जबकि थाइलैंड इन्हें दूसरी बार भेजा जा रहा है। इनमें पहले इन्हें 1995 में भेजा गया था।
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