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    बिक्रम ठेकेदार: ट्रक ड्राइवर से मंत्री बनने तक का सफर

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Mon, 27 Oct 2014 09:50 AM (IST)

    नवनियुक्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व कोसली के विधायक बिक्रम सिंह ठेकेदार जैसा नसीब हर किसी को नसीब नहीं होता। साधारण ट्रक चालक से लेकर मंत्री बनने तक का उनका सफर चमत्कारिक ढंग से पूरा हुआ है। कुछ माह पहले तक तो बिक्रम गंभीरता से टिकट की दौड़ में शामिल नहीं थे, लेकिन मोदी लहर म

    जागरण संवाददाता, कोसली (रेवाड़ी)। नवनियुक्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व कोसली के विधायक बिक्रम सिंह ठेकेदार जैसा नसीब हर किसी को नसीब नहीं होता। साधारण ट्रक चालक से लेकर मंत्री बनने तक का उनका सफर चमत्कारिक ढंग से पूरा हुआ है।

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    कुछ माह पहले तक तो बिक्रम गंभीरता से टिकट की दौड़ में शामिल नहीं थे, लेकिन मोदी लहर में मिला राव इंद्रजीत सिंह का साथ बिक्रम को एक ही झटके में शिखर पर पहुंचा गया। मामूली चालक से राज्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले बिक्रम ठेकेदार के कस्बे में आज जश्न का माहौल है। साधारण परिवार में जन्में बिक्रम सिंह व अन्य परिजनों ने कभी नहीं सोचा था कि वे इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचेगे।

    वरदान बना नाना के घर आना

    बिक्त्रम सिंह का जन्म 19 नंवबर, 1968 को गुड़गांव जिले के गांव रामनगर में किसान दलीप सिंह व राजबाला के घर में हुआ था। बिक्रम के एक भाई व दो बहने हैं तथा बिक्रम सबसे बड़े हैं। उनका बचपन अपने ननिहाल सहादत्तनगर में उसके नाना सुमेर सिंह के घर में बीता। नाना के घर आना उनके लिए वरदान बन गया। उन्होंने मिडल की शिक्षा सहादत्तनगर, दसवीं गांव लुलाअहीर, बारहवीं कोसली व ग्रेजुऐशन की डिग्री डीएवी विद्यालय अजमेर से प्राप्त की।

    पिता दलीप सिंह का कहना है कि उन्होने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा कभी प्रदेश का मंत्री बनेगा। घर पर आने जाने वाले लोगो का मुंह मीठा करवा रहे दलीप सिंह को उम्मीद है कि अब विकास कार्य तेज होंगे।

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