बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण: 41 लाख लोगों का गणना फॉर्म आना बाकी, आखिरी तारीख में बचे केवल 7 दिन; EC ने कही ये बात
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में चुनाव आयोग गणना फार्म न भरने वाले मतदाताओं की तलाश कर रहा है। जो लोग बाहर हैं उनसे संपर्क किया जा रहा है और ऑनलाइन फार्म भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आयोग ने राजनीतिक दलों को बीएलए के माध्यम से फार्म जमा कराने की अनुमति दी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान में अब तक गणना फार्म न भरने वाले एक-एक मतदाताओं की चुनाव आयोग ने तलाश तेज कर दी है।
इनमें से जो लोग काम-धंधे के सिलसिले में घरों से अस्थाई रूप से बाहर है, उनसे मोबाइल फोन या फिर परिचितों के जरिए संपर्क साधा जा रहा है। साथ ही उन्हें ऑनलाइन फार्म भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसा भी न कर पाने की स्थिति में उन्हें मोबाइल फोन पर जरूरी दस्तावेज, फोटो और हस्ताक्षर आदि मंगाकर उन्हें भरने का काम भी किया जा रहा है।
12 लाख लोगों ने ऑनलाइन जमा कराए फॉर्म
आयोग का दावा है अब तक करीब 12 लाख लोगों के ऑनलाइन गणना फार्म जमा कराए गए है। इसके साथ ही आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसरों के बार- बार जाने के बाद भी अपने पते पर नहीं मिलने वाले लोगों की एक सूची में भी चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और बूथ लेवल एजेंटों को मुहैया करा रही है, ताकि गणना फार्म की अंतिम तारीख 25 जुलाई से पहले उनके गणना फॉर्मों को जमा कराया जा सके।
41 करोड़ लोगों का गणना फॉर्म आना बाकी
आयोग के मुताबिक, 18 जुलाई को शाम तक 41 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म आना बाकी रह गए है। यह संख्या राज्य के कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में से करीब पांच प्रतिशत है। आयोग ने राजनीतिक दलों से जुड़े बीएलए को इस दौरान हर दिन पचास गणना फार्म सत्यापित करके जमा कराने की अनुमति दी है।
अगस्त में प्रकाशित होगी प्रारूप मतदाता सूची
मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर खड़े हो रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने साफ किया है कि एक अगस्त को जो प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित होगी, उसे वह सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा करेगा। साथ ही ऑनलाइन भी मुहैया कराएगी, ताकि सभी लोग इसे देख सके। इस बीच निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी(ईआरओ) की ओर से इसे लेकर सुझाव और इनपुट भी आमंत्रित किए जाएंगे।
वहीं, 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची भी सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। गौरतलब है कि बिहार में चल रहे पुनरीक्षण में अब तक 90 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने गणना फार्म जमा करा दिए है जबकि 4.67 प्रतिशत मतदाता अपने पते नहीं मिले है, इनमें मृत मतदाता, स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके, एक से अधिक पते पर पंजीकृत मतदाता और जिनकी पता नहीं चल पा रहा है ऐसे मतदाता शामिल है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।