Bihar Voter List: क्या बिहार में 11 हजार लोग अवैध प्रवासी? 'लापता वोटर्स' को लेकर चुनाव आयोग ने किया बड़ा खुलासा
चुनाव आयोग के अनुसार बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में लगभग 11000 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। जांच में 11 हजार वोटर्स अनुपस्थित पाए गए जिनके अवैध प्रवासी होने की आशंका है जिन्होंने फर्जी तरीके से मतदाता पहचान पत्र बनवाए। बूथ लेवल के अधिकारियों को पड़ोसियों से भी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे अवैध प्रवासियों की आशंका बढ़ गई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग ने एक अहम जानकारी दी है। शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी ताजा अपेडट के मुताबिक, करीब 11,000 लोगों का पता नहीं लग सका है।
एसआईआर के दौरान 11 हजार वोटर्स पते से अनुपस्थित पाए गए। ये सभी संभवत: बिहार के रहने वाले अवैध प्रवासी हैं। आशंका जताई जा रही है कि फर्जी वोटों की गुंजाइश बनाने के इरादे से राज्य में रजिस्टर किया गया था।
पड़ोसियों को भी इन लोगों की नहीं थी जानकारी
चुनाव आयोग के एक पदाधिकारी ने बताया कि बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को न केवल "पता न लगने वाले" मतदाता अपने दर्ज पतों पर नहीं मिले, बल्कि उनके पड़ोसियों को भी उनके वहां रहने की जानकारी नहीं थी। कुछ मामलों में इन पतों पर कोई घर या आवास नहीं मिला।"
यह संभव है कि वे अवैध प्रवासी हों - संभवतः बांग्लादेशी या रोहिंग्या - जो पड़ोसी राज्यों में रह रहे हों, लेकिन किसी तरह बिहार से मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करने में कामयाब हो गए हों।
बिहार में 41 लाख लापता वोटर्स नहीं मिले
बिहार में लगभग 41.6 लाख मतदाता, जो कुल मतदाताओं का 5.3 प्रतिशत है, बी.एल.ओ. द्वारा तीन बार अनिवार्य रूप से दौरा करने के बावजूद अपने पते पर नहीं पाए गए। बिहार के 7.9 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 96 प्रतिशत ने अपने नामांकन फॉर्म जमा कर दिए हैं, यानी 5.3 प्रतिशत मतदाता अब तक अपने पते पर नहीं मिले हैं।
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