'केवल दिल्ली में बैठे नेताओं को दिक्कत...' बिहार SIR पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या कहा?
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद चुनाव आयोग ने अंतिम सूची जारी की जिसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को भी दी गई। आयोग के अनुसार अंतिम सूची में नए और कुछ पुराने वोटरों के नाम जोड़े गए हैं। SIR के मुद्दे पर आयोग ने राजनीतिक दलों के आरोपों पर सवाल उठाए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद चुनाव आयोग ने अंतिम लिस्ट जारी कर दी थी। SIR का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा हुआ है। फाइनल लिस्ट जारी करने के बाद चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को भी इसकी जानकारी दे दी है। आयोग ने कहा है कि जो अंतिम मतदाता सूची जारी की गई है, उसमें कई नाम जोड़े गए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा का कि फाइनल लिस्ट में जोड़े गए नामों में नए वोटर और कुछ पुराने वोटर शामिल हैं। आयोग ने SIR को लेकर राजनीतिक दलों के आरोपों पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा किया। इलेक्शन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि किसी भी प्रभावित या डिलीट नाम वाले वोटर ने अब तक कोर्ट का रुख नहीं किया।
कोर्ट ने मांगी मतदाताओं की जानकारी
आयोग ने कहा कि केवल दिल्ली में बैठे नेता और एनजीओ ही मुद्दा उठा रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि आयोग गुरुवार तक बाहर रखे गए मतदाताओं की जानकारी प्रस्तुत करेगा और इसी दिन एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई होगी।
पीठ ने कहा कि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि ड्राफ्ट रोल के मुकाबले संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए। अब शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई को गुरुवार के लिए लिस्ट कर दिया है।
बता दें कि 30 सितंबर को एसआईआर से पहले बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी, लेकिन अंतिम मतदाता सूची में यह घटकर 7.42 करोड़ हो गई। चुनाव आयोग ने 6 अक्तूबर को बिहार में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है। बिहार की 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
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