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    चुनाव से पहले बिहार को तोहफा, तीन अमृत भारत एक्सप्रेस समेत मिलीं 7 नई ट्रेनें

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को तीन अमृत भारत एक्सप्रेस और चार पैसेंजर ट्रेनों का तोहफा दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इन्हें हरी झंडी दिखाई। मुजफ्फरपुर-चरलापल्ली एक्सप्रेस दक्षिण भारत के लिए पहली ट्रेन है जबकि छपरा-आनंद विहार एक्सप्रेस दिल्ली के लिए छठी ट्रेन होगी। दरभंगा-अजमेर एक्सप्रेस राजस्थान को जोड़ेगी।

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    तीन अमृत भारत एक्सप्रेस समेत मिलीं 7 नई ट्रेनें (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले केंद्र सरकार ने राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से तीन अमृत भारत एक्सप्रेस और चार पैसेंजर ट्रेनें हरी झंडी दिखाकर रवाना कीं।

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    यह कदम न सिर्फ यात्री सुविधाओं को बेहतर करेगा, बल्कि चुनावी परिप्रेक्ष्य में भी इसका खास महत्व है।नई ट्रेनों में मुजफ्फरपुर-चरलापल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस दक्षिण भारत के लिए बिहार से चलने वाली पहली ट्रेन है। इससे तेलंगाना और आसपास के क्षेत्रों से सीधा संपर्क बनेगा। छपरा-आनंद विहार अमृत भारत एक्सप्रेस दिल्ली के लिए छठी ट्रेन होगी, जबकि दरभंगा-अजमेर (मदार) अमृत भारत एक्सप्रेस राजस्थान तक बिहार को जोड़ देगी।

    ये ट्रेनें गति और किराये दोनों दृष्टि से यात्रियों को बेहतर विकल्प देती हैं। साथ ही इनमें अग्नि सूचक प्रणाली, सेमी-आटोमैटिक कपलर, सीलबंद गैंगवे और टाक-बैक यूनिट जैसी सुविधाएं हैं, जो अब तक सिर्फ वातानुकूलित डिब्बों तक सीमित थीं। पहली बार गैर-एसी डिब्बों में भी ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

    आम लोगों के लिए पटना-बक्सर, झाझा-दानापुर, नवादा-पटना और पटना-इस्लामपुर पैसेंजर ट्रेनों की शुरुआत की गई है। इनसे रोजमर्रा के यात्री और छोटे कस्बों के लोग राजधानी और प्रमुख शहरों से आसानी से जुड़ सकेंगे। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आवागमन सुगम होगा।चुनाव से पहले इन ट्रेनों का उद्घाटन राजनीतिक संदेश भी देता है।

    केंद्र सरकार जताना चाहती है कि उसके एजेंडे में बिहार प्राथमिकता में है, क्योंकि एक दशक के दौरान उसे रेल निवेश का बड़ा हिस्सा दिया है। वैष्णव ने बताया कि बिहार का रेल बजट 11 वर्षों में दस गुना बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये हो गया है।

    यह निवेश केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है, बल्कि रोजगार सृजन एवं आर्थिक गतिविधियों को भी गति देने वाला है। खासकर दक्षिण और पश्चिम भारत से बेहतर रेल संपर्कता मिलने पर बिहार से बाहर जाने-आने वाले लोगों को सीधी सुविधा मिल रही है और राज्य में निवेश आकर्षित करने की संभावना भी बढ़ेगी।

    रेलवे नेटवर्क का विस्तार

    अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे ने पिछले वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए हैं, जैसे पटना रेल सह सड़क पुल (28 किमी), मुंगेर रेल सह सड़क पुल (15 किमी) और कोसी पुल। अब तक राज्य का पूरा रेल नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है और लगभग 1,899 किमी नई पटरियां बिछाई गई हैं। इसके अलावा, सकरी-हसनपुर, खगडि़या-कुशेश्वरस्थान, कुरसेला-बिहारीगंज, तिलैया-कोडरमा समेत कई नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। साथ ही समस्तीपुर-दरभंगा, सुगौली-वाल्मीकिनगर, कटिहार-कुमेदपुर और सोननगर-अंडाल जैसे व्यस्त रूटों पर तीसरी और चौथी लाइन का काम भी तेज है।

    आर्थिक और सामाजिक असररेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि भविष्य में बिहार स्वर्णिम राज्य के रूप में उभरेगा। रेलवे ने यहां जिस पैमाने पर निवेश किया है, उससे आने वाले वर्षों में रोजगार, व्यापार और औद्योगिक विकास की नई राहें खुलेंगी। नई ट्रेनों और आधारभूत संरचना के विकास से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    दरभंगा-अजमेर ट्रेन सीधे राजस्थान तक धार्मिक और सांस्कृतिक यात्राओं को सरल करेगी। मुजफ्फरपुर-चरलापल्ली ट्रेन दक्षिण भारत में काम करने वाले बिहारियों के लिए वरदान साबित होगी। साथ ही, पैसेंजर ट्रेनों से राज्य के भीतर छोटे व्यापार और स्थानीय उद्योगों को भी बल मिलेगा।

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