'मेरा घर, मेरी मर्जी', 109 साल पुराने महल पर झंडा फहराने को लेकर विवाद; इलाके में पसरा तनाव
राजस्थान के भरतपुर में 109 साल पुराने मोती महल पैलेस पर झंडा फहराने को लेकर विवाद है। यह विवाद राजपरिवार के दो झंडों - पंचरंगा और हनुमान जी की तस्वीर वाले झंडे को लेकर है। राजकुमार अनिरुद्ध सिंह द्वारा पंचरंगा झंडा फहराए जाने पर हनुमान झंडे के समर्थकों ने विरोध किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के भरतपुर में एक 109 साल पुराना शाही महल है। इसे लोग मोती महल पैलेस कहते हैं। लेकिन कुछ वक्त इस महल पर झंडा फहराने को लेकर विवाद चल रहा है। लड़ाई दो झंडों को लेकर है। ये दोनों झंडे राजपरिवार के ही हैं।
एक झंडा हरा, नारंगी, बैंगनी, पीला और लाल रंग वाला पंचरंगा है और दूसरा सरसों रंग का है, जिसमें लाल, नीले और भूरे रंग के चौकोर निशान और हनुमान जी की तस्वीर है। काफी समय तक हनुमान जी वाला झंडा ही महल पर फहराया जाता था, लेकिन एक महीने पहले इसे पंचरंगे झडे से बदल दिया गया।
पिता-बेटे के बीच विवाद
लोग बताते हैं कि सारा विवाद राजा विश्वेंद्र सिंह और राजकुमार अनिरुद्ध सिंह के बीच का है। दोनों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है। विश्वेंद्र सिंह का आरोप है कि उनके बेटे ने उन्हें अवैध रूप से महल से निकाल दिया है। हनुमान झंडे के समर्थकों को विश्वेंद्र सिंह सपोर्ट करते हैं।
जब राजकुमार अनिरुद्ध सिंह ने पंचरंगा झंडा फहराया, तो लोगों ने इसके खिलाफ महल के गेट पर प्रदर्शन किया। अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि यह उनका घर है और उन्हें कोई भी झंडा फहराने का अधिकार है। लेकिम समुदाय के लोगों को इससे आपत्ति है।
रविवार की रात तीन लोग पीछे के गेट से महल के अंदर दाखिल हो गए और फिर से हनुमान झंडा फहरा दिया। इस मामले में अनिरुद्ध ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। महल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
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