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    बेंगलुरु में बिजनेस कॉरिडोर दिलाएगा जाम से लोगों को मुक्ति, जानिए क्या है सरकार का प्लान

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 10:14 AM (IST)

    बेंगलुरु में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए सिद्दरमैया सरकार ने 117 किलोमीटर लंबे पेरिफेरल रिंग रोड (PRR) प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट को बेंगलुरु बिजनेस कॉरिडोर के नाम से जाना जाएगा। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि इससे शहर के ट्रैफिक में 40% तक कमी आने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

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    जाम के झाम से बेंगलुरु को मिलेगी मुक्ति। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु देश के सबसे अच्छे शहरों में से एक है, लेकिन इसका नाम सुनते ही लोगों को यहां ट्रैफिक याद आता है। ट्रैफिक के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

    इस बीच राज्य की सिद्दरमैया सरकार ने बेंगलुरु में 117 km लंबे पेरिफेरल रिंग रोड (PRR) प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा कि इस सड़क के बन जाने से शहर की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।

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    कर्नाटक कैबिनेट ने दी PRR को मंजूरी

    बताया जा रहा है कि सिद्दरमैया कैबिनेट ने लंबे समय से रूके हुए इस रोड प्रोजेक्ट को एक नई पहचान दी है। अब इसको बेंगलुरु बिजनेस कॉरिडोर के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने इसके निर्माण की मंजूरी दे दी है।

    जानकारी के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट बेंगलुरु डेवेलपमेंट अथॉरिटी के तहत पूरा किया जाना है। माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट अगले 2 साल में पूरा हो जाएगा।

    डिप्टी सीएम ने बताया ऐतिहासिक कदम

    इस प्रोजेक्ट के बारे में राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शहर की भीड़ कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

    अपने बयान में उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में जाम लग रहा है। हम चाहते हैं कि ट्रैफिक कम हो। मुझे पता है कि लगभग 1,900 परिवार प्रभावित होंगे, लेकिन सरकार मुआवजे के तौर पर उनकी उम्मीद से अधिक दे रही है। यह कर्नाटक सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है।

    40 परसेंट ट्रैफिक में कमी की उम्मीद

    डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि कॉरिडोर चालू होने के बाद शहर के ट्रैफिक में 40 परसेंट की कमी आएगी, क्योंकि हाईवे और इंडस्ट्रियल ज़ोन के बीच चलने वाली गाड़ियां शहर के बीच से बाइपास होकर जाएंगी।

    उपमुख्यमंत्री का कहना है कि अगर कुछ जमीन के मालिक जमीन देने से मना करते हैं, तो हम मुआवजे की रकम कोर्ट में जमा करेंगे और आगे बढ़ेंगे। किसी भी कीमत पर कोई भी जमीन डी-नोटिफाई नहीं की जाएगी। 

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