दिल्ली के बाद अब बेंगलुरु के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अफरा-तफरी में बाहर निकाले गए बच्चे
बेंगलुरु के चार निजी स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली जिससे शहर में हड़कंप मच गया। ईमेल के माध्यम से धमकी मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूलों को खाली करा लिया। बम निरोधक दस्ते ने स्कूलों की गहन तलाशी ली लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला। जाँच में धमकी झूठी निकली।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के बाद अब बेंगलुरु के चार निजी स्कूलों को भी ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली।
धमकी भरे इस ईमेल में दावा किया गया कि स्कूलों की कक्षाओं में विस्फोटक उपकरण छिपाए गए हैं। मगर पुलिस की जांच के बाद यह धमकी महज एक अफवाह निकली, जिसने स्कूलों और अभिभावकों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया।
धमकी वाला ईमेल सुबह 7:24 बजे स्कूलों को मिला, जिसका सब्जेक्ट था "स्कूल के अंदर बम"। ईमेल में लिखा था, "मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने स्कूल की कक्षाओं में कई विस्फोटक उपकरण (ट्राइनाइट्रोटॉल्यूइन) रखे हैं। ये विस्फोटक काले प्लास्टिक बैग में छिपाए गए हैं।"
तत्काल खाली कराए गए स्कूल
पुलिस ने बिना देरी किए बम निरोधक दस्ते और आतंकवाद-रोधी जांच टीमें स्कूलों में भेजीं। स्कूलों से तुरंत बच्चों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस ने स्कूल परिसर की बारीकी से जांच की, लेकिन कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "कम से कम चार स्कूलों को बम धमकी वाला ईमेल मिला, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हमने हर जरूरी कदम उठाया, लेकिन जांच में यह धमकी झूठी निकली।"
इस बीच, दिल्ली में भी शुक्रवार को 20 से ज्यादा स्कूलों को बम की धमकी मिली, जिससे वहां भी बच्चों और उनके माता-पिता में दहशत फैल गई।
पुलिस ने कहा- अफवाहों पर ध्यान न दें
यह घटना भले ही झूठी निकली, लेकिन स्कूलों और अभिभावकों के बीच डर का माहौल बन गया। बेंगलुरु पुलिस ने साफ किया कि वह ऐसी धमकियों को हल्के में नहीं ले रही और इस तरह के ईमेल भेजने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
यह पहला मौका नहीं है जब स्कूलों को इस तरह की धमकियां मिली हों। पहले भी कई बार ऐसी अफवाहें सामने आ चुकी हैं, जो बाद में झूठी साबित हुईं। फिर भी, ऐसी घटनाएं स्कूलों और समाज में डर और बेचैनी पैदा करती हैं।
(पीटाआई इनपुट्स के साथ)
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