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    बेंगलुरु में बारिश रूकी, लेकिन खत्म नहीं हुई परेशानी... पानी में डूबे हुए हैं कई इलाके; साईं मंदिर भी क्षतिग्रस्त

    Updated: Wed, 21 May 2025 09:20 PM (IST)

    बेंगलुरु के साई लेआउट में बारिश के बाद जलभराव की समस्या बनी हुई है जिससे निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 140 मिमी बारिश के कारण कई घर जलमग्न हो गए हैं और लोगों को पीने के पानी और बिजली की समस्या हो रही है। बीबीएमपी की टीम जल निकासी व्यवस्था को सुधारने और पानी निकालने में जुटी है।

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    जमा पानी बाहर निकालने के प्रयासों में जुटी बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (फोटो: पीटीआई)

    पीटीआई, बेंगलुरु। बेंगलुरु में बीती रात को बारिश नहीं होने के बावजूद उत्तरी बेंगलुरु में साई लेआउट बुधवार को जलमग्न नजर आया। बेंगलुरु के इस निचले आवासीय क्षेत्र में जल निकासी की समस्या बनी हुई है। रविवार देर रात से मंगलवार तक हुई 140 मिमी की बारिश के कारण पूरे शहर में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है।

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    साई लेआउट के निवासी विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। भूतल और पहली मंजिल पर स्थित कई आवास अब भी पहुंच से बाहर बने हुए हैं और नगर निकाय के अधिकारी अभी भी बचाव एवं राहत कार्यों में लगे हैं। वर्तमान में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की एक टीम जल निकासी व्यवस्था को साफ करने और जमा पानी को बाहर निकालने के प्रयासों में जुटी है।

    लोगों को हो रही परेशानी

    हालांकि, कई निवासियों ने इन प्रयासों की धीमी गति को लेकर अपनी निराशा व्यक्त की है। क्षेत्र में रहने वाले एक आईटी पेशेवर सूर्या ने अपनी परेशानी व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों से बहुत परेशान हैं। बारिश से हमारा पूरा घर जलमग्न हो गया है। हमारे पास पीने योग्य पानी तक भी नहीं है।

    एक अन्य निवासी ने कहा कि तीन दिन से बिजली नहीं होने के कारण हममें से जो लोग घर से काम कर रहे थे, वे भी ऐसा करने में असमर्थ हो गए हैं। शिरडी साईबाबा मंदिर को भी बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई है, जिसके नाम पर इलाके का नाम साई लेआउट रखा गया है।

    मंदिर के अध्यक्ष दयानंद ने बताया कि पूरा मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है और दस्तावेज बह गए हैं। 20 साल पहले यह इलाका सिर्फ जंगल था। मैंने बड़े विश्वास के साथ इस जगह को बसाया था और अब यहां के निवासी जाना चाहते हैं। निवासियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दौरे से उनकी मौजूदा कठिनाइयों का स्थायी समाधान निकलेगा।

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