Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौत से ही नहीं इस सिस्टम से भी हार गया अतुल सुभाष, आप भी जानिए बेंगलुरु के इंजीनियर की आखिरी तीन इच्छाएं

    Updated: Wed, 11 Dec 2024 04:48 PM (IST)

    Atul Subhash Suicide Case इंजीनियर अतुल सुभाष ने पारिवारिक कलह से तंग आकर मौत को गले लगा लिया था। खुदकुशी से पहले उसने करीब डेढ़ घंटे का वीडियो रिकॉर्ड किया और 24 पन्ने की चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उसने अपने ससुरालवालों और जज को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। अतुल ने अपनी तीन इच्छाओं का भी जिक्र किया है।

    Hero Image
    बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने की खुदकुशी (जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्याय अभी बाकी है... बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash Suicide case) इन चार शब्दों को तख्ती पर लिखकर इस दुनिया से रुखसत हो गया। वो हार चुका था नाकारा सिस्टम से। वो हार चुका था भ्रष्ट सिस्टम से। वो हार चुका था पारिवारिक कलह और कानूनी लड़ाई से...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अतुल की खुदकुशी से हर कोई हैरान है। खुदकुशी करने से पहले उन्होंने करीब डेढ़ घंटा लंबा वीडियो शूट किया। 24 पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा है। सुसाइड नोट में जो खुलासे हुए हैं, उसके बारे में जानकर किसी का भी दिमाग सन्न हो जाएगा।

    जज रीता कौशिक पर भी आरोप

    अतुल बिहार के रहने वाले थे। उन्होंने अपनी पत्नी निकिता, सास और साले पर आरोप लगाए हैं। ससुराल पक्ष के लोगों पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, अतुल ने जौनपुर फैमिली कोर्ट में जज रीता कौशिक पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

    अतुल की पत्नी भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और वो यूपी के जौनपुर की रहने वाली है। लंबे समय से दोनों अलग रह रहे थे। निकिता जौनपुर में थी, जबकि अतुल बेंगलुरु (Bengaluru engineer suicide) में अपने माता-पिता के साथ। अतुल के पिता का कहना है कि उसकी पत्नी ने उनके बेटे पर दर्जनों केस दर्ज करवाए थे। उन केसों की सुनवाई जौनपुरी की फैमिली कोर्ट में चल रही थी।

    आखिरी चिट्ठी

    • 2019 में शादी के बाद से ही निकिता और उसका परिवार मुझे परेशान करने लगा था।
    • निकिता का परिवार मुझसे पैसे मांगता था, लेकिन शुरुआत में देने के बाद फिर मैंने मना कर दिया।
    • मुझे और मेरे परिवार को झुठे मुकदमे में फंसाया गया, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना का केस लगाया गया।
    • इन केसों की सुनवाई के लिए लगभग 120 तारीखें लगी। मुझे 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ा, जबकि मुझे साल में 23 छुट्टी मिलती हैं।
    • जज ने भी मुझसे रिश्वत मांगी। हर पेशी पर अलग से रिश्वत मांगी जाती थी।

    पिता ने सुनाया दर्द...

    अतुल के पिता का कहना है कि निकिता की प्रताड़ना से तंग आकर अतुल ने खुदकुशी कर ली। पिता का कहना है कि उनका बेटा बेंगलुरु से 40 बार जौनपुर सुनवाई के लिए अदालत गया। अतुल की पत्नी हर बार नई धारा लगवा देती थी। इन चीजों को लेकर वो काफी परेशान था।

    अतुल की तीन इच्छाएं

    • मेरी पत्नी या उसके परिवार के किसी भी सदस्य को मेरे शव को ना छूने दिया जाए।
    • जब तक मेरे साथ न्याय ना हो, तब तक मेरी अस्थियों को विसर्जित ना किया जाए। मेरा उत्पीड़न करने वाले अगर बरी हो जाते हैं (Final wishes of Atul Subhash) तो मेरी अस्थियों को उसी कोर्ट के बाहर गटर में ही बहा दिया जाए।
    • मेरे बेटे की कस्टडी मेरे पाता-पिता को मिले और मेरे परिवार को अब परेशान ना किया जाए।

    अतुल ने अपने बेटे के लिए भी चिट्ठी लिखी है। उन्होंने अपने बेटे से इस पत्र को 2038 में खोलने के लिए कहा है। बहरहाल, मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए निकिता सिंघानिया के अलावा उसके परिवार के तीन सदस्यों पर केस दर्ज किया है।

    ये भी पढ़ें:

    'महिला सुसाइड करती, तो बिना सबूत बॉयफ्रेंड की गिरफ्तारी हो जाती', अतुल सुभाष के भाई ने की कानून में बदलाव की मांग