Lok Sabha Election Result 2024: 'अगर कुछ भी गड़बड़ी दिखे तो...' कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं के लिए जारी किए हेल्पलाइन नंबर, खरगे ने कही ये बड़ी बात
लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना (Lok Sabha Election Results) में अब कुछ ही घंटे का समय शेष बचा है। मंगलवार (4 जून) को सुबह 8 बजे से वोटों की काउंटिंग शुरू हो जाएगी इसको लेकर चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके साथ ही देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपने कार्यकर्तओं को एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना (Lok Sabha Election Results) में अब कुछ ही घंटे का समय शेष बचा है। मंगलवार (4 जून) को सुबह 8 बजे से वोटों की काउंटिंग शुरू हो जाएगी, इसको लेकर चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके साथ ही देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपने कार्यकर्तओं को एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
दरअसल, कांग्रेस ने काउंटिंग के समय संभावित गड़बड़ी को लेकर दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। पार्टी की तरफ से कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि सभी को सजक रहना है और अगर उनको काउंटिंग में कोई धांधली नजर आती है तो वो फौरन इसका वीडियो बनाकर हेल्पलाइन नंबर पर भेजें। इसके लिए कांग्रेस मुख्यालय में एक बड़ी लीगल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में जनता के साथ संपर्क में रहें
पार्टी की तरफ से कहा गया है, "कांग्रेस का हर कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में जनता के साथ संपर्क में रहें। हर जानकारी कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंचाएं। गिनती की प्रक्रिया में हमें किसी भी संभावित गड़बड़ी को रोकना होगा। इस बार का चुनाव परिणाम लोकतंत्र बचाने का जनादेश लेकर आयेगा। सभी सजग रहें। हम सब मिलकर बदलेंगे हालात। इन नंबरों पर वीडियो भेजें +91 7982839236 इन नंबरों पर शिकायत बताएं: +91 9560822897।"
सभी अधिकारियों और सिविल सेवकों को लिखा खुला पत्र
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के सभी अधिकारियों और सिविल सेवकों को खुला पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि देश की संस्थाओं का स्वतंत्र रहना जरूरी है और ब्यूरोक्रेसी से आग्रह किया है कि सभी संविधान का पालन करें।
आपको विपक्ष के नेता की हैसियत से लिख रहा हूं- खरगे
खरगे ने पत्र में लिखा है कि मैं आपको विपक्ष के नेता (राज्य सभा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष की हैसियत से लिख रहा हूं। उन्होंने कहा, 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव संपन्न हो चुके हैं और कल, 4 जून, 2024 को मतगणना होगी। मैं भारत के चुनाव आयोग, केंद्रीय सशस्त्र बलों, विभिन्न राज्यों की पुलिस, सिविल सेवकों, जिला कलेक्टरों, स्वयंसेवकों और आप में से हर एक को बधाई देना चाहता हूँ जो इस विशाल और ऐतिहासिक कार्य के क्रियान्वयन में शामिल थे।
कांग्रेस ने भारत के संविधान के आधार पर कई संस्थाओं की स्थापना की
उन्होंने कहा, हमारे प्रेरणास्रोत और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सेवकों को “भारत का स्टील फ्रेम” कहा था। भारत के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही है जिसने भारत के संविधान के आधार पर कई संस्थाओं की स्थापना की, उनकी ठोस नींव रखी और उनकी स्वतंत्रता के लिए तंत्र तैयार किए।
संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि
संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह “अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करेगा तथा संविधान और कानून के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा”। इस भावना से हम प्रत्येक ब्यूरोक्रैट और अधिकारी से - पदानुक्रम के ऊपर से नीचे तक, संविधान की भावना के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा करते हैं, जो जो की बिना किसी दबाव, धमकी, या सत्ताधारी पार्टी/गठबंधन या विपक्षी पार्टी/गठबंधन से किसी भी प्रकार के दबाव के हो।
कुछ संस्थाएं अपनी स्वतंत्रता त्याग रही हैं- खरगे
खरगे ने पत्र में कहा, कांग्रेस पार्टी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बी.आर. अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद, सरोजिनी नायडू और हमारे अनगिनत प्रेरणादायी संस्थापक सदस्यों द्वारा तैयार संविधान के माध्यम से न केवल मजबूत शासन का ढांचा तैयार किया, बल्कि ब्यूरोक्रेसी और नागरिक समाज में हाशिए पर पड़े लोगों को हमारे स्वायत्त संस्थानों में प्रतिनिधित्व देकर सकारात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की।
भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा
पिछले दशक में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हमारे स्वायत्त संस्थानों पर हमला करने, उन्हें कमजोर करने और दबाने का एक व्यवस्थित पैटर्न देखा गया है। परिणामस्वरूप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा है। भारत को एक तानाशाही शासन में बदलने की व्यापक प्रवृत्ति है। हम तेजी से देख रहे हैं कि कुछ संस्थाएं अपनी स्वतंत्रता को त्याग रही हैं और बेशर्मी से सत्ताधारी पार्टी के हुक्मों का पालन कर रही हैं। कुछ ने पूरी तरह से उनकी संवाद शैली, उनके कामकाज के तरीके और कुछ मामलों में तो उनकी राजनीतिक बयानबाजी को भी अपना लिया है। यह उनकी गलती नहीं है। तानाशाही शक्ति, धमकी, बलपूर्वक तंत्र और एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ, सत्ता के आगे झुकने की यह प्रवृत्ति उनके अल्पकालिक अस्तित्व का एक तरीका बन गई है। हालांकि, इस अपमान में भारत का संविधान और लोकतंत्र हताहत हुए हैं।
ब्यूरोक्रेसी डरे नहीं...
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अब समस्त ब्यूरोक्रेसी से आग्रह करती है कि वे संविधान का पालन करें, अपने कर्तव्यों का पालन करें और बिना किसी भय, पक्षपात या द्वेष के राष्ट्र की सेवा करें। किसी से डरें नहीं। किसी असंवैधानिक तरीके के आगे न झुकें। किसी से न डरें और इस मतगणना दिवस पर योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। हम भावी पीढ़ियों के लिए आधुनिक भारत के निर्माताओं द्वारा रचित जीवंत लोकतंत्र और दीर्घकालिक संविधान के ऋणी हैं।
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