... तो इसलिए बंद की गई BBC शॉर्टवेब रेडियो प्रसारण की आखिरी हिंदी सेवा
BBC Hindi Short Wave Service बीबीसी रेडियो की विश्व सेवा हिंदी सेवा और उर्दू सेवा का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। एक तरह से इस पर उसका एकाधिकार रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। BBC Hindi Short Wave Service: बीबीसी के शॉर्टवेब रेडियो का प्रसारण 31 जनवरी (शुक्रवार) को बंद कर दिया गया। इसके आखिरी हिंदी कार्यक्रम दिनभर का अंतिम प्रसारण शाम साढ़े सात बजे हुआ। दिनभर कार्यक्रम की शुरुआत और उससे जुड़ी यादों को लेकर सोशल मीडिया और ब्लॉग पर संदेश चलते रहे। किसी ने इसके शुरुआत होने का वो दौर याद किया तो किसी ने कार्यक्रम की प्रमाणिकता के शेर पढ़े। इसके सफर पर एक नजर:
लोकप्रियता का चरम था आपातकाल
बीबीसी रेडियो की विश्व सेवा, हिंदी सेवा और उर्दू सेवा का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। एक तरह से इस पर उसका एकाधिकार रहा है। आपातकाल में इसकी लोकप्रियता चरम पर थी और यही प्रमाणिक खबरों का तमगा हासिल करने की घड़ी थी। इसके सबसे ज्यादा श्रोता भारत और खाड़ी के देशों में रहे है।
... इसलिए बंद की गई सेवा
पिछले साल भारत में बीबीसी वल्र्ड सर्विस की पहुंच तीन करोड़ से बढ़कर पांच करोड़ हो गई। इस दौरान बीबीसी के श्रोता बड़ी संख्या में शॉर्टवेव रेडियो से डिजिटल और टीवी की ओर चले गए। रेडियो श्रोताओं की लगातार गिरती संख्या को देखते हुए बीबीसी ने हिंदी में शॉर्टवेव रेडियो प्रसारण समाप्त करने का फैसला किया है।
पहला प्रसारण
बीबीसी हिंदुस्तानी सेवा द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन के पक्ष बताने के लिए शुरू की गई। 11 मई 1940 को दस मिनट के समाचार बुलेटिन के साथ इस सेवा का पहला प्रसारण हुआ था। जून 1941 में इसको आधा घंटा का स्पेस मिला। जुल्फिकार अली बुखारी इसके पहले संचालक बने जो 1945 तक साथ निभाते रहे। 1947 में विभाजन के बाद, यही बुखारी पाकिस्तान रेडियो के पहले महानिदेशक नियुक्त किए गए।
डिजिटल माध्यम पर रहेंगे ये कार्यक्रम
शॉर्टवेव प्रसारण बंद होने के बावजूद बीबीसी डिजिटल माध्यमों पर अपने कुछ नियमित कार्यक्रम जैसे, विवेचना और दुनिया-जहां डिजिटल ऑडियो के रूप में प्रसारित करता रहेगा। यहां अब भी बाकी है बीबीसी रेडियो जापान व चाइना रेडियो इंटरनेशनल से हिंदी व बांग्ला का प्रसारण हो रहा है, लेकिन इसकी क्वालिटी बहुत खराब है। ड्यूचे विले व वॉयस ऑफ अमेरिका भी अपना रेडियो प्रसारण बंद कर चुका है।
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