बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को फिर किया तलब, कट्टरपंथी छात्र नेताओं को रिझाने में जुटे यूनुस
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कट्टरपंथी छात्र नेताओं को रिझाने के लिए भारत विरोधी रवैये को हवा दे रही है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक ...और पढ़ें

एक बार फिर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने देश में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से असफल रहने वाली प्रो. मोहम्मद युनुस की अंतरिम सरकार कट्टरपंथी छात्र नेताओं को रिझाने के लिए भारत विरोधी रवैये को और हवा देने में जुटी है। यही कारण है कि मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया और उनके समक्ष भारत में बांग्लादेशी उच्चायोग और वीजा केंद्रों के बाहर हुए प्रदर्शनों और कथित तोड़फोड़ की घटनाओं को उठाया।
साथ ही भारत से अपने दूतावासों व वीजा केंद्रों की बेहतर सुरक्षा की मांग की। यह कदम युनुस सरकार ने तब उठाया जब सोमवार और मंगलवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग के समक्ष कुछ दर्जन भर लोगों के समूह ने प्रदर्शन करने की कोशिश की तो सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन पर काबू पा लिया।
बांग्लादेश स्थित उच्चायोग पर हुई पत्थरबाजी
सोमवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग के समक्ष जो प्रदर्शन हुआ था उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर है जिससे साफ हो रहा है कि 20 के करीब लोग नारे लगा रहे हैं और कुछ ही मिनटों में उन्हें वहां से हटा दिया गया है। भारत सरकार ने यहां पर काफी चौकस सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। दूसरी तरफ, भारत के बांग्लादेश स्थित उच्चायोग व मिशनों पर लगातार दो दिनों तक पत्थरबाजी हुई है। चट्टोग्राम स्थित भारतीय वीजा केंद्र पर तो कई घंटे तक ¨हसक भीड़ नारे लगाती रही है।
बहरहाल, उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को 14 दिसंबर को भी वहां की सरकार ने तलब किया था। उसके बाद नई दिल्ली ने भी बांग्लादेशी उच्चायुक्त को 17 दिसंबर को तलब किया था। वैसे यूनुस सरकार के कार्यकाल में भारतीय उच्चायुक्त को पहले भी पांच बार तलब किया जा चुका है। यह दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बारे में बताता है।सनद रहे कि छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद से भारत और बांग्लादेश के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और ज्यादा तनाव आ चुका है।
भारत के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाह
भारत के खिलाफ लगातार अफवाह फैलाये जा रहे हैं और इसकी आड़ में छात्र नेताओं की तरफ से राजनीति चमकाने की कोशिश की जा रही है। अंतरिम सरकार ने 12 फरवरी, 2026 को आम चुनाव कराने की योजना बनाई है। बांग्लादेश के खराब होते हालात व भारत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को इससे ही जोड़ कर देखा जा रहा है। भारत ने हालात को देखते हुए अपने उच्चायोग की सेवाओं को काफी सीमित कर दिया है।
इसके जवाब में बांग्लादेश ने दिल्ली और अगरतला में वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं।भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर ¨हदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर ¨चतित है। दूसरी तरफ ढाका इसे आंतरिक मामला बताकर भारत पर हस्तक्षेप का आरोप लगा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारतीय मीडिया के साथ बातचीत में कहा है कि यूनुस सरकार चरमपंथियों को संरक्षण दे रही है।

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