नहीं सुधर रहा बांग्लादेश, पाकिस्तान से दोस्ती के बाद अब तुर्किये से खरीदेगा टैंक; भारत बोला- हर हरकत पर पैनी नजर
बांग्लादेश की यूनुस सरकार पाकिस्तान से दोस्ती के बाद तुर्किये से टैंक खरीदने की तैयारी में है। मगर उसकी टैंक डील पर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा है। उसके दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि वह किस देश से लड़ने की खातिर टैंक खरीद रहा है क्योंकि टैंकों का इस्तेमाल जमीनी लड़ाई में होता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश की मौजूदा मोहम्मद युनूस सरकार का रवैया भारत को लेकर कैसा है, यह तो किसी से छिपा नही है लेकिन जिस तरह से भारत के धुर विरोधी देशों के साथ वह संबंध विकसित करने में जुटा है, उस पर भारत सरकार की पैनी नजर है। बांग्लादेश की तरफ से तुर्किये से टैंक खरीदने की योजना के तमाम पहलुओं की भारत समीक्षा कर रहा है।
हर हरकत पर नजर है: भारत
विदेश मंत्रालय ने यहां तक कहा है कि सुरक्षा को लेकर पड़ोसी देशों के हर हरकत पर उसकी नजर रहती है और इस बारे में जो भी सही लगता है वह कदम भी उठाये जाते हैं। इसे परोक्ष तौर पर युनूस सरकार को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
चार महीने पहले लोकतांत्रिक तरीके से चयनित शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद गठित अंतरिम सरकार तुर्किये के साथ ही पाकिस्तान के साथ भी अपने रक्षा संबंधों को विस्तार देने के लिए विमर्श कर रही है।
क्यों टैंक खरीद रहा बांग्लादेश?
बांग्लादेश की तरफ से तुर्किये की कंपनी ओटोकार से 26 टैंक खरीदने की बात मीडिया में तब आई है जब भारत-बांग्लादेश सीमा पर भारतीय सुरक्षा प्रहरियों ने तुर्किये निर्मित कुछ ड्रोन को पकड़ा है। रणनीतिक विशेषज्ञ इस बात से हैरान है कि बांग्लादेश को किस देश से जमीनी लड़ाई लड़नी है जिसके लिए वह टैंक खरीद रहा है। यह देश तीन तरफ से भारत से और एक तरफ (दक्षिण हिस्सा) बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है।
तुर्की से हथियारों की खरीद की बात शुरु करने के साथ ही युनूस सरकार ने पाकिस्तान से आयातित उत्पादों की खास तौर पर होने वाले परीक्षण की शर्ते हटा दी हैं और पाकिस्तानी पर्यटकों के लिए वीजा के नियम भी आसान कर दिए हैं। यह दोनों कदम भारत के हितों को प्रभावित करने वाले हैं।
आईएसआई ने बना लिया था अड्डा
आज से 15-16 वर्ष पहले बांग्लादेश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सबसे बड़ा भारत विरोधी केंद्र शुरू कर दिया था और वहां से पूर्वोत्तर क्षेत्र में आतंकवाद फैलाने का काम हो रहा था। इसे शेख हसीना की सरकार ने धीरे धीरे बंद करवाया था।
टैंक खरीदने पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?
तुर्किये से टैंक खरीदने के बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “पिछले दिनों भारत के विदेश सचिव बांग्लादेश गए थे और वहां उनकी बैठक हुई थी। हमने यह साफ तौर पर कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण व प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है। हम परस्पर हितों पर आधारित सकारात्मक संबंध चाहते हैं। जहां तक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का सवाल है तो हम पड़ोस में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखती है और जो भी आवश्यक समझा जाता है, वो कदम उठाये जाते हैं।''
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