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    पटरियों पर दौड़ने को तैयार वंदे भारत स्लीपर, इस महीने से हो सकती शुरू; ट्रायल में 180KMPH की रफ्तार से दौड़ी

    Updated: Fri, 03 Jan 2025 08:13 PM (IST)

    वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को पिछले तीन में कई परीक्षणों से गुजरना पड़ा। इस दौरान ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड हासिल की। रेल मंत्रालय के म ...और पढ़ें

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    जल्द पटरियों पर दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को नए वर्ष में नई ट्रेन मिलने जा रही है। लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन की गई वंदे भारत ट्रेन का स्लीपर वर्जन तैयार है। ट्रायल के दौरान इसने 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार पकड़ी है, जो देश में अभी तक चलने वाली किसी भी ट्रेन से लगभग 40 किलोमीटर प्रतिघंटा ज्यादा है।

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    मुंबई-दिल्ली लंबी दूरी की यात्रा की वर्तमान औसत गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा है। तेजस राजधानी के लिए अधिकतम मान्य गति 140 किमी प्रतिघंटा है। इस तरह लंबी दूरी के यात्रियों की सुखद यात्रा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।

    रेल मंत्री ने साझा किया वीडियो

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को वंदे भारत स्लीपर के ट्रायल रन का वीडियो भी एक्स पर साझा किया है। रेल मंत्रालय ने वंदे भारत स्लीपर को हाई-स्पीड क्रांति का अग्रदूत बताया है। उसका दावा है कि यह जल्द ही लंबी दूरी के रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव देगी। अभी तक वंदे भारत छोटी और मध्यम दूरी की चेयर कार के वर्जन के रूप में ही चलाई जा रही है। देश भर में इसकी 136 ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

    इस महीने चलेगा परीक्षण

    वंदे भारत के स्लीपर वर्जन को पहली बार लाया जा रहा है। तीन दिनों के दौरान कोटा रेल मंडल समेत विभिन्न मंडलों में इसे कई परीक्षणों से गुजरा गया है। इस महीने के अंत तक यह परीक्षण जारी रहेगा। परीक्षण पूरे हो जाने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा।

    अंतिम चरण में सफल होने के बाद इसे आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा। फिर रेलवे को नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा। रेलवे की तैयारी फरवरी में इसे पटरियों पर उतार देने की है।

    एक बार में 823 लोग कर सकेंगे यात्रा

    वंदे भारत स्लीपर को 800 से 1200 किलोमीटर की यात्रा के लिहाज से तैयार किया गया है। एक ट्रेन सेट में 16 कोच होंगे, जिनमें 11 एसी थ्री-टियर, चार एसी टू-टियर और एक एसी फ‌र्स्ट-क्लास कोच हैं, जिसमें कुल 823 बर्थ होंगी। इसे विमान जैसा डिजाइन किया गया है, जिसमें स्वचालित दरवाजे, आरामदायक बर्थ एवं ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा है।

    रेलवे के सामने असली चुनौती यात्रा की समय-सीमा को कम से कम करना है। अभी मुंबई-नई दिल्ली के बीच राजधानी एक्सप्रेस 1,386 किमी मील की यात्रा पूरी करने में करीब 15 घंटे 32 मिनट का समय लगा देती है। उम्मीद है कि वंदे भारत स्लीपर वर्जन से इसमें बड़ी कमी आ सकती है।

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