मेसी के कार्यक्रम में रोक के बावजूद 10 गुना अधिक कीमत पर बेची गई थीं पानी की बोतलें, लोगों ने कैसे निकाला गुस्सा?
साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम में कुप्रबंधन के चलते पानी की बोतलें 10 गुना अधिक कीमत पर बेची गईं। बिधाननगर पुलिस ने पहले पानी की बो ...और पढ़ें
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गुस्साए दर्शकों ने सबसे पहले ग्राउंड पर पानी की बोतलें फेंककर ही जताया था विरोध (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। साल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबालर लियोन मेसी के कार्यक्रम के कुप्रबंधन मामले में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट ने कार्यक्रम से कुछ दिन पहले बकायदा संवाददाता सम्मेलन कर स्पष्ट कर दिया था कि दर्शक दीर्घा में पानी की बोतल की बिक्री नहीं होगी।
लोगों को अपने साथ पानी की बोतल लाने से भी मना किया गया था। स्टेडियम में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था होने की बात कही गई थी। इसके बावजूद कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ पानी की बोतल की जमकर बिक्री हुई बल्कि वह भी 10 गुना अधिक कीमत पर, यानी 20 रुपये की बोतल 200 रुपये में बिक रही थी। इंटरनेट मीडिया पर इसका एक वीडियो बहुप्रसारित हो रहा है।
मालूम हो कि मेसी को ठीक से नहीं देख पाने से गुस्साए दर्शकों ने सबसे पहले ग्राउंड पर पानी की बोतलें फेंककर ही विरोध जताना शुरू किया था। प्रश्न उठ रहा है कि इसकी बिक्री की अनुमति किसने दी? बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। मालूम हो कि आइलीग व डूरंड कप के मैचों के समय भी स्टेडियम में पानी की बोतल की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाती है।
तोडफ़ोड़ से स्टेडियम को सवा दो करोड़ का नुकसान
साल्ट लेक स्टेडियम के रखरखाव से जुड़े लोगों के अनुसार तोडफ़ोड़ से प्राथमिक तौर पर दो से सवा दो करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। मालूम हे कि उग्र भीड़ ने स्टेडियम की कुर्सियों से लेकर टनल, टेंट और गोल पोस्ट के जाल को भी नुकसान पहुंचाया है।
प्रश्न यह भी घूम रहा है कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा-राज्य सरकार या फिर कार्यक्रम के आयोजक? सरकार घटना का पूरा ठीकरा आयोजकों के सिर पर फोड़ चुकी है। मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। वहीं शताद्रु के अधिवक्ता ने रविवार को अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। जांच से स्थिति साफ हो जाएगी।
शताद्रु को 14 दिनों की पुलिस हिरासत
शताद्रु को रविवार सुबह करीब 11.35 बजे कड़ी सुरक्षा में बिधाननगर महकमा अदालत में पेश किया गया। उनके चेहरे को सफेद कपड़े से ढंककर अदालत लाया गया था। मामले पर करीब 20 मिनट सुनवाई चली। शताद्रु के अधिवक्ता ने जमानत का आवेदन कर दलील दी कि उनके मुवक्किल मेसी के भारत दौरे के मुख्य आयोजक हैं।
दौरा अभी जारी है और वहां उनकी जरुरत है इसलिए उन्हें निजी मुचलके पर रिहा किया जाए। सरकारी अधिवक्ता ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि घटना की जांच अभी प्राथमिक स्तर पर है और शताद्रु से गहन पूछताछ की जरुरत है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने शताद्रु को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
मालूम हो कि साल्टलेक स्टेडियम में हंगामा शुरू होने के बाद शताद्रु मेसी को लेकर एयरपोर्ट के लिए निकल गए थे और उस जेट में भी बैठ गए थे, जिससे वे सभी हैदराबाद जाने वाले थे। पुलिस ने उन्हें जेट से उतरवाकर गिरफ्तार किया था। बिधाननगर दक्षिण थाने की पुलिस ने उनपर गैर-जमानती धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।
शताद्रु को पीटने जूते-चप्पल लेकर अदालत परिसर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता
शताद्रु को पीटने भाजपा कार्यकर्ता रविवार को जूते-चप्पल लेकर अदालत परिसर पहुंच गए थे। शताद्रु को देखते ही उन्होंने 'चोर-चोरÓके नारे लगाते हुए उनकी तरफ बढऩे का प्रयास किया, हालांकि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस बीच शताद्रु के हुगली जिले के रिसड़ा के बांगुर पार्क इलाके में स्थित घर पर सुरक्षा पहरा बिठा दिया गया है।
जांच टीम ने स्टेडियम जाकर किया मुआयना
घटना की जांच को बंगाल सरकार की ओर से गठित कमेटी ने रविवार सुबह स्टेडियम जाकर मुआयना किया। कमेटी के सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) असीम कुमार राय, बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत व गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के नेतृत्व में स्टेडियम की हालत की वीडियोग्राफी भी की गई।
न्यायमूर्ति राय ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपने की कोशिश की जाएगी। वहीं बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने भी स्टेडियम जाकर वहां की स्थिति का निरीक्षण किया और दर्शकों को उनका पूरा पैसा लौटाने की मांग का समर्थन किया।

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