Azam Khan News: सुप्रीम कोर्ट ने दी आजम खान को बड़ी राहत, जिला प्रशासन को जौहर यूनिवर्सिटी को छोड़ने के आदेश
उच्च न्यायालय द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को जमीन पर कब्जा करने का निर्देश देने वाली जमानत की शर्त को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने आजम खान को जमानत देने के लिए प्रासंगिक अन्य शर्तों को बरकरार रखा।

नई दिल्ली, एजेंसियां। समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां पर लगाई गईं जमानत शर्तो से जु़़डे इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के आंशिक हिस्से को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। आदेश के इस हिस्से में रामपुर के जिलाधिकारी को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी जमीन पर कब्जा लेने का निर्देश दिया गया था।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने आजम की अन्य जमानत शर्तो को बरकरार रखा। पीठ ने कहा, 'यह एक और ऐसा मामला है जिसमें हमने पाया है कि हाई कोर्ट ने ऐसे मामले का जिक्र किया है जो आरोपित के विरद्ध दर्ज अपराध से जुड़े जमानत आवेदन पर विचार से संबंधित नहीं है।' शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस प्रवृत्ति से परेशान है। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल एसवी राजू के उस अनुरोध पर भी संज्ञान लिया कि शीषर्ष अदालत आजम पर अतिरिक्त शर्ते लगाते हुए उन्हें जमानत अवधि में रामपुर में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश दे। लेकिन पीठ ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ने किया था अतिरिक्त शर्तें लगाने का आग्रह
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'राजस्व अधिकारियों द्वारा 10 मई 2022 के जमानत आदेश में की गई टिप्पणियों के संदर्भ में की गई सभी कार्रवाइयों को रिकार्ड से मिटा दिया गया माना जाता है।' राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एस वी राजू ने कोर्ट से अतिरिक्त शर्तें लगाने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को जमानत अवधि के दौरान रामपुर जिले में प्रवेश करने पर रोक लगा देने से इंकार कर दिया। इस आग्रह पर पीठ ने कहा, हम इस दलील से प्रभावित नहीं हैं।
अवकाश पीठ ने 27 मई को खान पर लगाई गई जमानत की शर्त पर रोक लगा दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 10 मई के आदेश के खिलाफ खान द्वारा दायर अपील सहित सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने 27 मई को खान पर लगाई गई जमानत की शर्त पर रोक लगा दी थी, जिसमें जिलाधिकारी को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी जमीन पर कब्जा करने का निर्देश दिया गया था। पीठ ने कहा था कि आजम खान पर लगाई गई जमानत की शर्त असंगत थी और यह एक दीवानी अदालत की फरमान की तरह लगती है।
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