'जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा अयोध्या में राम मंदिर', आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को लेकर क्या कहा?
अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर लगभग तैयार है। आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा के अनुसार मंदिर का 95% कार्य पूरा हो चुका है और मुख्य शिखर का कार्य जून के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। दूसरी मंजिल पर राम दरबार की मूर्तियां जयपुर में बन रही हैं जो 15 अप्रैल तक मंदिर पहुंचेंगी। जून में ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि घोषित की जा सकती है।

किशन प्रजापति, अहमदाबाद। 6 अप्रैल के दिन रामनवमी का उत्सव देश-विदेश के राम मंदिरों में मनाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर का पूरा काम सिर्फ 5% बचा है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने रामनवमी के अवसर पर गुजराती जागरण से विशेष बातचीत की।
चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर के मुख्य शिखर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। हमारे अनुमान के अनुसार, ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि पिछले साल मंदिर के उद्घाटन तक ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका था। उसके बाद डेढ़ साल में दूसरी मंजिल, तीसरी मंजिल, गुंबद और पूरे मंदिर का काम पूरा हो चुका है और मुख्य शिखर का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जो अगले डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा।
- इस तरह जून में मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण मंदिर का कार्य कराया जाएगा।
- इस मंदिर को विष्णु पंचायत मंदिर के रूप में तैयार किया गया है।
- कॉरिडोर में शिव, गणेश और अंबाजी के मंदिर भी होंगे।
- मुख्य मंदिर के भूतल पर भगवान श्री राम की बाल रूप की मूर्ति स्थापित की गई है।
- जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
मंदिर की दूसरी मंजिल में कितनी मूर्तियां होंगी?
आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि दूसरी मंजिल पर राम दरबार बनाया गया है। जिसमें भगवान श्रीराम, जानकी माता, लक्ष्मणजी, भरतजी, शत्रुघ्नजी और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस प्रतिमा का निर्माण फिलहाल जयपुर में किया जा रहा है।
"यह मूर्ति 15 अप्रैल तक अयोध्या पहुंच जाएगी। मूर्ति सफेद मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्ति ऐसी होगी कि हर लोगो को ऐसा लगेगा कि यह साक्षात भगवान श्री राम का दरबार है। यहां स्थापित है पूर्ण आकार की मूर्ति इसका मतलब यह है कि भगवान सचमुच वहां बैठे होंगे ऐसा लगेगा। प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 4 से 5 फीट के बीच है।" आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, राम मंदिर, अयोध्या
मंदिर की दूसरी मंजिल पर 450 स्तंभों पर 16 मूर्तियां हैं स्थापित
चंद्रकांत ने बताया कि राम दरबार में बंसीपहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। फर्श में मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 16-16 मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। ऐसे लगभग 450 स्तंभ हैं। यहां प्रत्येक दिशा के देवताओं की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। इसीलिए जैसा शिव शास्त्र में लिखा है ठीक वैसे ही निर्माण किया गया है ।
राम दरबार तक कैसे पहुंचेंगे भक्त ?
उन्होंने बताया कि गर्भगृह में रामजी के बाल रूप के दर्शन के बाद मंदिर के राम दरबार में दर्शन के लिए जाने के लिए प्रथम तल से ऊपर-नीचे जाने के लिए 14 से 16 फुट चौड़ी सीढ़ी तैयार की गई है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए पीछे की तरफ लिफ्ट भी लगाई गई है। इस समय तीसरी मंजिल पर कोई मूर्ति नहीं रखी जाएगी। सोमनाथ मंदिर की तरह इस मंदिर में भी अंतिम मंजिल हैं, जहां श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे।
तीसरी मंजिल पर स्थापित नहीं की जाएगी मूर्ति
- तीसरी मंजिल का डिज़ाइन निचली दो मंजिलों के समान है।
- गर्भगृह भी उसी आकार का है। यह फर्श ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- वहां कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी।
- यह पहला मंदिर होगा जिसमें ढाई साल में 10 लाख क्यूबिक फीट से अधिक पत्थर तराश कर स्थापित किया जाएगा।
वर्तमान में 8 से 10 सुपरवाइजर और 2,500 हजार से अधिक कारीगर काम करते हैं। यह विश्व का पहला मंदिर होगा जहां नींव से लेकर कलश तक पूरे मंदिर में 10 लाख घन फीट से अधिक पत्थर का उपयोग किया जाएगा। यह पहला मंदिर होगा जहां इस पत्थर को महज ढाई साल में खनन कर, आकार देकर मंदिर में स्थापित किया गया है।
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