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    'हमारी छवि धूमिल करने की कोशिश', HAL पर लगाए आरोप गलत; भारत ने खारिज की NYT की रिपोर्ट

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 12:00 AM (IST)

    आयातित सैन्य उपकरण रूस भेजने के बारे में न्यूयार्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट गलत और भ्रामक है। इस बाता दावा सूत्रों ने किया है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय ...और पढ़ें

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    'हमारी छवि धूमिल करने की कोशिश', HAL पर लगाए आरोप गलत। (फोटो- पीटीआई)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत के रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) द्वारा आयातित सैन्य उपकरण रूसी हथियार एजेंसी के आपूर्तिकर्ताओं को बेचने के बारे में अमेरिकी दैनिक द न्यूयार्क टाइम्समें छपी रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक करार देते हुए सूत्रों ने सोमवार को कहा कि रिपोर्ट में राजनीतिक नैरेटिव के अनुरूप मुद्दों को गढ़ने और तथ्यों को विकृत करने की कोशिश की गई है।

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    सूत्रों ने कहा,

    हमने द न्यूयार्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट देखी है। इसमें राजनीतिक नैरेटिव के अनुरूप मुद्दों को गढ़ने और तथ्यों को विकृत करने की कोशिश की गई है। रिपोर्ट में उल्लेखित भारतीय इकाई ने रणनीतिक व्यापार नियंत्रणों और अंतिम उपयोगकर्ता की प्रतिबद्धताओं संबंधी अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन किया है।

    रिपोर्ट छापने के दौरान नहीं बरती गई सावधानी

    सूत्रों ने यह भी कहा कि रणनीतिक व्यापार पर भारत का मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा इसकी कंपनियों द्वारा विदेशी कामर्शियल वेंचर्स पर मार्गदर्शन करता रहता है। सूत्र ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बुनियादी सावधानी बरतें, जिसकी इस मामले में अनदेखी की गई है।

    रिपोर्ट में किस बात किया गया जिक्र?

    • न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 से 2024 तक ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता एचआर स्मिथ समूह की एक कंपनी टेकटेस्ट ने एक भारतीय कंपनी को उपकरण भेजे, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वह रूसी हथियार एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट की सबसे बड़ी व्यापारिक साझीदार है।
    • रिपोर्ट में कहा गया है कि टेकटेस्ट ने चार फरवरी, 2024 को भारत को प्रतिबंधित प्रौद्योगिकी की एक और खेप बेची और कुछ दिनों बाद हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के लिए एक खरीदार को मिलते-जुलते कोड वाले उपकरण बेचे।
    • हालांकि रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि रिकार्ड यह साबित नहीं करते हैं कि एचआर स्मिथ के उत्पाद रूस पहुंचे। लेकिन वे प्रदर्शित करते हैं कि कुछ मामलों में भारतीय कंपनी ने एचआर स्मिथ से उपकरण प्राप्त किए और कुछ ही दिनों में समान पहचान वाले उत्पाद कोड वाले पुर्जे रूस भेज दिए।

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