Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 1912 के बाद गोवा में सबसे अधिक बारिश दर्ज, इस साल 412 सेंमी हुई बारिश

    By Ayushi TyagiEdited By:
    Updated: Sat, 26 Sep 2020 03:42 PM (IST)

    इस मानसून के मौसम में गोवा में 1961 के बाद से सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसकी जानकारी दी। मौसम विभाग ने शनिवार को पत्रका ...और पढ़ें

    Hero Image
    1961 के बाद इस साल गोवा में दर्ज की गई सबसे अधिक बारिश।

    पणजी, आइएएनएस। इस मानसून के मौसम में, गोवा में 1961 के बाद से सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसकी जानकारी दी। मौसम विभाग ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि IMD गोवा के वैज्ञानिक ने इस साल राज्य में दक्षिण पश्चिम मानसून से 412 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की है। जो राज्य में वर्षा के सामान्य मूल्य से 41 प्रतिशत अधिक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राहुल ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून से होने वाली कुल वर्षा इस वर्ष 412 सेंटीमीटर है। यह उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक मौसमी वर्षा है। बारिश के सामान्य मूल्य से यह 41 प्रतिशत अधिक है।" अधिकारी ने यह भी कहा कि सबसे अधिक मौसमी वर्षा 1961 में 408 सेमी पहले दर्ज की गई थी।

    अन्य वर्षों में जब गोवा में उच्च मौसमी वर्षा 1970 में 401 सेमी और 2019 में 394 सेमी थी," अधिकारी ने कहा, "जबकि वर्तमान में 1961 में 13 स्टेशनों के माध्यम से वर्षा की सूचना दी गई थी, केवल पांच वर्षा निगरानी स्टेशन अस्तित्व में थे। रहुल ने यह भी कहा कि राज्य का मानसून सीजन चार दिनों के भीतर खत्म हो जाएगा।

    महीने के अंत में फिर लौट रहा मॉनसून

    इस साल अगस्त में अनुमान से अधिक और सितंबर में बेहद कम बारिश हुई है। हालांकि, इस बार बाकी वर्षों के मुकाबले लंबा चला है। ऐसी उम्मीद भी जताई जा रही है कि महीने के अंत में एक बार फिर से वापस लौट जाएगा। इसी के साथ दो हफ्तों की देरी के साथ 28 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत के चरम भागों से वापस लौटने को तैयार है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसमी मॉडल के संकेत दिए है कि महाराष्ट्र में इसका निकास सामान्य से कुछ स्थानों पर देरी से हो सकता है।

    ये भी पढ़ेंSushant Singh Case: AIIMS डॉक्टरों के निष्कर्षों पर रिया के वकील ने उठाए सवाल, नए मेडिकल बोर्ड की रखी मांग