Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनआरसी की लिस्‍ट में ट्रांसजेंडरों को छोड़े जाने पर उठाए सवाल, जताई न्‍याय की उम्‍मीद

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 17 Sep 2019 09:21 PM (IST)

    असम की पहली महिला ट्रांसजेंडर जज और याचिकाकर्ता स्‍वाति बिधान बरुआ ने कहा है कि ज्यादातर ट्रांसजेंडरों को छोड़ दिया गया है।

    एनआरसी की लिस्‍ट में ट्रांसजेंडरों को छोड़े जाने पर उठाए सवाल, जताई न्‍याय की उम्‍मीद

    गुवाहाटी, एएनआइ। असम की एनआरसी लिस्‍ट ऑनलाइन जारी कर दी गई है। इसको लेकर काफी विवाद है। इसमें ट्रांसजेंटरों को छोड़े जाने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। असम की पहली महिला ट्रांसजेंडर जज और एनआरसी से करीब 2000 ट्रासजेंडर को निकाले जाने के मामले की याचिकाकर्ता स्‍वाति बिधान बरुआ ने कहा है कि ज्यादातर ट्रांसजेंडर को छोड़ दिया गया था, उनके पास 1971 से पहले के दस्तावेज नहीं हैं। ऑब्जेक्शन ऐप्लिकेशन में जेंडर कैटिगरी में 'अन्य' का विकल्प नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि एनआरसी में ट्रांसजेंडर के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्हें अपने जेंडर के लिए महिला या पुरुष दोनों में से एक चुनने के लिए मजबूर किया गया। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट हमारी याचिका पर विचार करेगा।  

    इसमें क्लिक करके देख सकते हैं लिस्‍ट में अपना नाम

    असम में एनआरसी लिस्ट प्रकाशित कर दी गई है। इसके लिए आप nrcassam.nic.in पर क्लिक करके देख सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट में ऐप्लिकेशन रिफरेंस नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा, फ‍िर आप सूची में अपने नाम की स्थिति देख पाएंगे। इसके अलावा assam.mygov.in और assam.gov.in पर अपने नाम की स्थिति देखी जा सकती है।

    19 लाख लोग फाइनल सूची से बाहर

    गौरतलब है कि असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त 2019 को जारी की गई थी। इसके लिए 6 साल तक की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। एनआरसी के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से 31 करोड़ 1 लाख 21 हजार 4 लोगों को इसकी अंतिम लिस्ट में शामिल किया गया, जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया।

    300 विदेशी ट्रिब्‍यूनल में कर सकते हैं आवेदन

    असम में एनआरसी की प्रक्रिया 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू की गई थी।बाहर रखे गए लोगों को 120 दिन के भीतर असम में स्‍थापित 300 विदेशी ट्रिब्‍यूनल में आवेदन करने का मौका दिया गया है। NRC सूची का उद्देश्य असम में रह रहे उन नागरिकों को अलग करना है, जिन्होंने बांग्लादेश से अवैध रूप से राज्य में प्रवेश किया था।