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    कामाख्या मंदिर जाने वालों के लिए खुशखबरी! बनेंगे दो रोपवे, सीएम सरमा ने कर दी घोषणा

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 03:06 PM (IST)

    अम्बुबाची महोत्सव असम के सबसे प्रतिष्ठित हिंदू त्योहारों में से एक है। ये फेस्टिवल मां कामाख्या मंदिर में 22 जून को शुरू हुआ और 26 जून को खत्म हुआ। गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ियों में स्थित मां कामाख्या के मंदिर में अम्बुबाची मेला हर साल लगता है। इसे देवी कामाख्या के मासिक धर्म चक्र की याद में मनाया जाता है।

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    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दिया मां कमाख्या के भक्तों को तोहफा (फाइल फोटो)

    गुवाहाटी, एएनआई। मां कामाख्या के दर्शन करने जाने वालों के लिए खुशखबरी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (28 जून, 2025) को गुवाहाटी में घोषणा की कि कामाख्या मंदिर की यात्रा को ज्यादा सुलभ और समय कुशल बनाने के लिए दो रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

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    उन्होंने कहा, "कामाख्या स्टेशन से कामाख्या मंदिर तक एक रोपवे का निर्माण किया जाएगा और सोनाराम मैदान से कामाख्या मंदिर तक एक और रोपवे का निर्माण किया जाएगा। दोनों ही रोपवे पर काम चल रहा है। टेंडर जारी करने की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। इसके अलावा कई और रोपवे बनाने के लिए अध्ययन चल रहा है।"

    मां कामाख्या के दर्शन करने मंदिर पहुंचे सीएम सरमा

    अम्बुबाची महोत्सव खत्म होन के दो दिन बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने परिवार के साथ मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा, "अम्बुबाची महोत्सव दो दिन पहले ही खत्म हो गया था, लेकिन यहां भक्तों की भारी संख्या की वजह से मैं आ नहीं पाया था। मुझे आज मां कामाख्या के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है।"

    22 जून से 26 जून तक चला अम्बुबाची महोत्सव

    अम्बुबाची महोत्सव असम के सबसे प्रतिष्ठित हिंदू त्योहारों में से एक है। ये फेस्टिवल मां कामाख्या मंदिर में 22 जून को शुरू हुआ और 26 जून को खत्म हुआ। गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ियों में स्थित मां कामाख्या के मंदिर में अम्बुबाची मेला हर साल लगता है। इसे देवी कामाख्या के मासिक धर्म चक्र की याद में मनाया जाता है, जिन्हें स्त्री शक्ति का अवतार माना जाता है। अम्बुबाची प्रभृति अनुष्ठान करने के बाद, कामाख्या मंदिर का मुख्य द्वार 22 जून को बंद हो गया और 26 जून को फिर से खुल गया।

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