जुबीन गर्ग केस में एक और ट्विस्ट, असम के पूर्व DGP के भाई पर लगे आरोप तो CIC पद से दिया इस्तीफा
असम के गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंत ने इस्तीफा दे दिया है। उनके भाई श्यामकानु महंत पर हत्या और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। पुलिस ने श्यामकानु समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है। मुख्यमंत्री ने इसे हत्या बताया है और जल्द आरोपपत्र दाखिल करने की बात कही है।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के सिंगर जुबीन गर्ग की मौत के मामले में असम के मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व DGP रहे भास्कर ज्योति महंत ने अपने भाई श्यामकानु महंत से संबंधित कई आरटीआई आवेदन प्राप्त होने के बाद इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि श्यामकानु महंत ने ही उस म्यूजिक इवेंट का आयोजन किया था जिसमें जुबीन गर्ग परफॉर्मेंस देने वाले थे।
असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक भास्कर महंत ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सिफारिश पर इस्तीफा दे दिया। इसमें 'हितों के टकराव' का हवाला दिया गया था। जुबीन की मौत 19 सितंबर को हुई थी। इसके ठीक एक दिन बाद वह इस इवेंट में परफॉर्म करने वाले थे। अब तक श्यामकानु महंत सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या है आरोप?
श्यामकानु महंत और छह लोगों में जुबीन गर्ग के चचेरे भाई असम पुलिस में उपाधीक्षक संदीपन गर्ग, उनके बैंड मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और उनके बैंड के दो सदस्य शामिल हैं।
श्यामकानु महंत पर हत्या, गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप हैं। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध रूप से अचल संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की भी जांच की जा रही है।
जुबीन गर्ग के दो निजी सुरक्षाकर्मियों नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तारियों के बाद उनके बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है। इसके बारे में जांचकर्ताओं का मानना है कि यह मामले से जुड़ा हो सकता है।
सभी आरोपियों पर एक समान आरोप
11 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में बंद सभी आरोपियों पर समान आरोप लगाए गए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा है कि 17 दिसंबर से पहले आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा और गर्ग की मौत एक 'हत्या' थी, दुर्घटना नहीं। विशेष महानिदेशक मुन्ना गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विशेष टीम जांच का नेतृत्व कर रही है।
पिछले महीने सिंगापुर के अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों को एक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी थी, और अब एसआईटी ज़ुबीन गर्ग के जीवन के आखिरी 48 घंटों की घटनाक्रम को समझने की कोशिश कर रही है। यह प्रक्रिया इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके बैग से दवाइयाँ मिली थीं।

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