भविष्य में कैसे लड़ा जाएगा युद्ध? चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना बना रही ये प्लान
सेना के मुताबिक कोर्स का उद्देश्य यह समझ विकसित करना है कि तकनीक युद्ध की प्रकृति को कैसे प्रभावित कर रही है। इससे हमारी सोच अवधारणाओं सिद्धांतों रणनीतियों पर पुनर्विचार की जरूरत है। कोर्स में पूर्व सैनिकों सेवारत अधिकारियों विदेश मामलों के विशेषज्ञों उद्योग विशेषज्ञों एवं शिक्षाविदों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सहभागिता होगी। फ्यूचर वॉरफेयर कोर्स का दूसरा संस्करण मानेकशॉ सेंटर में होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बदलते वैश्विक परिदृश्य तथा टेक्नोलॉजी के दौर में भविष्य के युद्ध की चुनौतियां बहुआयामी होंगी। इसके मद्देनजर भारतीय सेना अपने अफसरों को तैयार करने की कसरत में जुट गई है। इसी कड़ी में तीनों सेनाओं का अग्रणी फ्यूचर वॉरफेयर कोर्स का दूसरा संस्करण 21 अप्रैल से नौ मई तक नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में होगा।
इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय के नेतृत्व में इस कोर्स का संचालन किया जाएगा। सेना के अनुसार, सितंबर 2024 में आयोजित प्रथम संस्करण की सफलता के आधार पर तीन सप्ताह का यह विस्तारित पाठ्यक्रम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की दूरदर्शी पहल है।
जटिल चुनौतियों के लिए तैयार होगी सेना
इसका उद्देश्य आधुनिक युद्ध की जटिल चुनौतियों के लिए सैन्य अधिकारियों को तैयार करना है। यह कोर्स पद-निर्पेक्ष (रैंक-अग्नास्टिक) दूरदृष्टिकोण को बरकरार रखते हुए अब और अधिक विविध तथा व्यापक भागीदारी के साथ लाया गया है।
इसमें मेजर जनरल से लेकर मेजर रैंक तक के अधिकारी, अन्य सेवाओं के समकक्ष अधिकारियों के साथ ही डीआरडीओ, रक्षा स्टार्टअप के साथ निजी रक्षा उद्योगों के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। सैन्य अभियानों में क्षेत्र विशिष्ट युद्ध नीति निर्माण सहित इससे जुड़े कई अहम विषय पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
ये भारत की सुरक्षा चुनौतियों पर समग्र और पेशेवर दृष्टिकोण से चर्चा सुनिश्चित करेंगे। यह द्वितीय संस्करण फ्यूचर रेडी भारतीय सशस्त्र बलों के निर्माण के व्यापक लक्ष्य को आगे बढ़ाता है, जो तीनों सेवाओं के बीच संयुक्तता एवं एकीकरण को बढ़ावा देता है।
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