Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ना पोस्ट, ना लाइक और ना कमेंट... अब सैनिकों को इंस्टाग्राम पर सिर्फ रील देखने की अनुमति

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 01:08 PM (IST)

    भारतीय सेना के जवान अब कुछ शर्तों के साथ इंस्टाग्राम का उपयोग कर सकते हैं। डेटा सुरक्षा और परिचालन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ दिशानिर्देश जारी ...और पढ़ें

    Hero Image

    अब सैनिकों को इंस्टाग्राम पर सिर्फ रील देखने की अनुमति। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना ने अपने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है। नए महत्वपूर्ण बदलावों के अनुसार, सेना के जवान और अधिकारी इंस्टाग्राम का इस्तेमाल केवल निगरानी और देखने के लिए कर सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान वह किसी भी पोस्ट को लाइक नहीं कर सकेंग और ना ही वह कोई भी पोस्ट कर पाएंगे। सूत्रों की मानें, तो डिजिटल गतिविधि को लेकर सेना के लिए पहले से लागू सभी नियम वैसे ही रहेंगे।

    नए निर्देश का उद्देश्य क्या है? 

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर नई नीति का निर्देश सेना की सभी यूनिटों और विभागों जारी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इसका उद्देश्य सैनिकों को सोशल मीडिया पर मौजूद सामग्री देखने, उससे अवगत रहने और सूचनाएं जुटाने की सीमित अनुमति देना है। जिससे वह फर्जी और भ्रामक कंटेंट की पहचान कर सकें और इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे सकें। 

    जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोशल मीडिया के उपयोग के नियमों का जिक्र किया

    हाल के दिनों में ही भारतीय सेना (थल सेना) के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग में आर्मी के जवानों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल के नियमों का जिक्र किया।

    एक सवाल में पूछा गया कि आज के युवा, जेनरेशन Z, आर्मी में शामिल होना चाहते हैं। इसमें एक विरोधाभास लगता है। आर्मी का मतलब असल में सोशल मीडिया से दूर रहना है। क्या नई आर्मी इसे नए तरीके से जोड़ने के बारे में सोच रही है? क्योंकि कमांडिंग ऑफिसर्स को भी यह तय करने में बहुत मुश्किल हो रही होगी कि कितना अलाउ करें और कितना नहीं?

    इसका जवाब देते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा था कि यह सच में एक प्रॉब्लम है क्योंकि जब ये युवा NDA [नेशनल डिफेंस एकेडमी] में आते हैं, तो मुझे बताया जाता है कि वे सबसे पहले अपने केबिन में यह ढूंढते हैं कि उन्होंने अपने फोन कहां छिपाए हैं। कैडेट्स को यह समझाने में तीन से छह महीने लग जाते हैं कि फोन के बिना भी जिंदगी है। लेकिन क्या आज स्मार्टफोन एक जरूरत है? मुझे लगता है कि आज यह एक बहुत बड़ी जरूरत है। जब मैं सैनिकों से मिलता हूं, तो मैं उनसे यही कहता हूं कि स्मार्टफोन जरूरी है।

    आगे जनरल द्विवेदी ने कहा कि मैं सैनिकों को कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करता। क्योंकि हम हमेशा फील्ड में रहते हैं। आपको अपने बच्चे की स्कूल फीस देनी होती है। मैं अपने दोनों बच्चों के जन्म पर भी नहीं रह सका, तो आज अगर कोई सैनिक कहीं दूर है और अपने बच्चे की पहली किलकारी देखना चाहता है, तो वह कैसे देखेगा? वह उन्हें सिर्फ फोटो में देखेगा। इसी तरह, वह अपने माता-पिता का हालचाल पूछेगा या फोन पर अपनी पत्नी से डांट भी सुनेगा। तो बात यह है कि स्मार्टफोन बहुत जरूरी हैं। अगर आपको कुछ पढ़ना है, तो आप कितनी किताबें ले जाएंगे? जाहिर है, आप अपने फोन पर ही पढ़ेंगे।

    गौरतलब है कि जनरल द्विवेदी ने सोशल मीडिया पर कंटेंट अपलोड करने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कब करना है और कब नहीं करना है और इंटरनेट पर क्या पोस्ट करना है और क्या नहीं करना है। इन फैसलों पर भी बात की।