Move to Jagran APP

दिल्ली की आर्किटेक्ट इस महिला को फ्रांस का सर्वोच्च पुरस्कार

दिल्ली की आर्किटेक्ट ऐश्वर्या टिपनिस को फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 10:39 AM (IST)
दिल्ली की आर्किटेक्ट  इस महिला को फ्रांस का सर्वोच्च पुरस्कार
दिल्ली की आर्किटेक्ट इस महिला को फ्रांस का सर्वोच्च पुरस्कार

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली की आर्किटेक्ट ऐश्वर्या टिपनिस को फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आज कोलकाता में टिपनिस को यह सम्मान दिया जाएगा। उन्हें देश में फ्रांसीसी धरोहरों को संवारने और सहेजने की दिशा में बेहतरीन काम करने पर यह सम्मान दिया जा रहा है। फ्रांसीसी राजदूत एलेक्जेंडर जिगलर उन्हें यह पुरस्कार देंगे।

loksabha election banner

फ्रांस के कला मंत्रालय की तरफ से टिपनिस को भेजे पत्र में कहा गया है कि टिपनिस ने भारत में फ्रांसीसी धरोहरों को सहेजने में अतुलनीय योगदान दिया है, इसके लिए उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा रहा है। बता दें कि यह अवार्ड कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए दिया जाता है।

दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की पूर्व छात्रा ऐश्वर्या टिपनिस ने धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में लिए कई कदम उठाए हैं। इसके लिए उनकी देशभर में ख्याति भी है। 2016 में मध्य प्रदेश के महीदपुर किले के संरक्षण के लिए उन्होंने काफी काम किया, इसके लिए भी उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा पुर्नरुद्धार परियोजना के तहत टिपनिस ने देहरादून के दून स्कूल के लिए भी काफी काम किया है। इसके लिए वह यूनेस्को की तरफ से पुरस्कृत हो चुकी हैं।

कौन है ऐश्वर्या टिपनिस?

- दिल्ली निवासी 37 साल की ऐश्वर्या टिपनिस संरक्षण आर्किटेक्ट (वास्तुकार) हैं।

- वे नई दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) की छात्रा रही हैं।

- टिपनिस  यूरोपीय शहरी संरक्षण में परास्नातक हैं।

- उन्होंने खुद को देश की विरासत के संरक्षण के लिए खुद को समर्पित किया है।

- उन्होंने कई परियोजनाओं पर काम किया है और देश के लिए कई खिताब भी जीते हैं।

- 2016 में मध्यप्रदेश में महिंदपुर किले के संरक्षण पर किए काम पर सराहा गया और उन्हें सम्मानित भी किया गया।

- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विरासत संरक्षण के लिए यूनेस्को ने पुरस्कार से सम्मानित किया।

यह भी पढ़ें: रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया ने लगाई सिक्के बनाने पर रोक, बताया ये बड़ी वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.