बारिश के अलावा किसी मौसम में पाकिस्तान को नहीं मिलेगा सतलुज, ब्यास नदियों का पानी, सरकार ने कर दिया साफ
1960 की सिंधु जल संधि को लेकर कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद देखने को मिलता है। इस बीच भारत सरकार ने बड़ी जानकारी दी है। केंद्रीय जल शक्ति राज् ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिंधु जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारा दशकों से पुराना विवाद रहा है। इस बीच भारत ने एक बड़ी जानकारी गुरुवार को संसद में दी।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारत मानसून के दौरान दुर्लभ मामलों को छोड़कर सतलुज और ब्यास नदियों से पाकिस्तान को पानी नहीं छोड़ता है।
उन्होंने कहा कि सतलुज और ब्यास नदियों का पानी केवल असाधारण परिस्थितियों में ही पाकिस्तान पहुंचता है, खासकर मानसून के मौसम में जब भारी बारिश के कारण जलाशयों में जल स्तर बढ़ जाता है।
क्या है सिंधु जल संधि?
- दरअसल, 1960 की सिंधु जल संधि के अनुसार सतलुज, ब्यास और रावी नदियों पर भारत का नियंत्रण होता है। इसके साथ ही सिंधु और चेनाब नदियों के पानी पर पाकिस्तान का नियंत्रण होता है।
- भारत द्वारा नियंत्रित की जाने वाली सतलुज और ब्यास नदियों का पानी पाकिस्तान को केवल किसी विशेष परिस्थितियों में ही मिलता है। खास तौर पर ऐसा मानसून के समय में होता है, जब नदियों में पानी स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति में पानी पाकिस्तान जाता है
- जानकारी दें कि सिंधु जल संधि, भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर एक कानूनी रूप है। इस संधि के तहत 6 नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया है। इस कड़ी में तीन नदियों पर भारत का नियंत्रण है और अन्य तीन नदियों के पानी पर पाकिस्तान का नियंत्रण है।
- इस बंटवारे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवादों को सुलझाना था। लेकिन कई बार इस संधि को लेकर पड़ोसी देश के साथ तनाव भी देखने को मिलता है।
कब हुआ समझौता?
गौरतलब है कि सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान के कराची में 19 सितंबर 1960 हस्ताक्षर हुए थे। बताया जाता है कि दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से पहले करीब नौ साल तक बातचीत चली थी। विश्व बैंक की पहल पर ये बातचीत शुरू हुई थी।
इस समझौते पर भारत के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य मुख्य और राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। इस संधि के तहत सिंधु बेसिन में बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के आधार पर डिवाइड किया गया था।
संधि के अनुसार पूर्व की तीन नदियों का अधिकार भारत को मिला था, जिसमें सतलुज, ब्यास और रावी नदी शामिल हैं। ठीक ऐसे ही पश्चिमी हिस्से की तीन नदियां पाकिस्तान के हिस्से आईं थीं, जिसमें सिंधु, झेलम और चेनाब नदियां शामिल हैं।

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