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    काला जादू विरोधी कानून बनानेवाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र

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    Updated: Mon, 26 Aug 2013 04:48 AM (IST)

    जादू-टोना के बहाने लोगों का आर्थिक व शारीरिक शोषण करने पर सात साल तक की सजा का कानून बनानेवाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है। राज्यपाल के शंकरनारायणन ने शनिवार शाम इस आशय के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए।

    मुंबई, जागरण संवाददाता। जादू-टोना के बहाने लोगों का आर्थिक व शारीरिक शोषण करने पर सात साल तक की सजा का कानून बनानेवाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है। राज्यपाल के शंकरनारायणन ने शनिवार शाम इस आशय के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए।

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    जादू-टोना एवं अंधविश्वासों पर रोक लगाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर ने करीब 14 साल पहले एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया था। कई राजनीतिक दलों के विरोध के कारण यह विधेयक अब तक पास नहीं हो सका। बीते हफ्ते मंगलवार की सुबह पुणे में दाभोलकर की दो अज्ञात युवकों ने हत्या कर दी। इससे उपजे जनाक्रोश को देखते हुए महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को ही इस विधेयक के संशोधित स्वरूप को अध्यादेश के जरिये कानून का रूप देने का निर्णय लिया। सोमवार को राज्य सरकार इस कानून का शासनादेश जारी कर सकती है। सरकार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में इस कानून को विधेयक के रूप में पारित कराने की कोशिश करेगी।

    ज्ञात हो कि शिवसेना और भाजपा जैसे दलों को इस विधेयक के कुछ अंशों पर अब भी आपत्ति है। इसलिए ये दल कानून बनने से पहले इस पर बहस की मांग कर रहे थे। यदि सरकार दोनों सदनों में इसे विधेयक के रूप में पारित न करा पाए तो छह माह बाद वह पुन: अध्यादेश ला सकती है। इस अध्यादेश पर डॉ. दाभोलकर की पुत्री मुक्तादाभोलकर ने कहा है कि जादू-टोना विरोधी विधेयक लंबे समय तक विधानसभा में अटका रहा। मैं नहीं जानती कि इसके समय पर पारित होने से मेरे पिता की जान बच सकती थी या नहीं, लेकिन अब यह कानून बनने से यह संदेश जरूर जाएगा कि सरकार अंधविश्वासों का विरोध करनेवाले विचारों के साथ खड़ी है।

    अब तक गिरफ्तारी नहीं

    पुणे। डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड के पांच दिन गुजर जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने रविवार को कहा कि पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हत्यारों को पकड़ने के अलावा इस कायरतापूर्ण कृत्य के पीछे के तत्वों को ढूंढ निकालना भी महत्वपूर्ण है। पुलिस ने इस हत्याकांड की जांच के लिए 19 टीमें गठित की हैं। दाभोलकर पर हमला करने वाले दो अपराधियों में से एक का स्केच भी जारी किया गया है।

    शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि सरकार दाभोलकर हत्याकांड से हिंदू संगठनों को जोड़कर उनकी छवि धूमिल करने पर आमादा है।

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