पुलवामा जैसे हमले की थी एक और साजिश, सुरक्षा बलों ने किया था नाकाम; चिनार कार्प्स के पूर्व प्रमुख का खुलासा
पुलवामा हमले जैसे एक और हमले का प्रयास किया गया था लेकिन सुरक्षा बलों ने आतंकियों के नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया। चिनार कार्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने अपनी किताब कितने गाजी आए कितने गाजी गए में यह दावा किया है। Photo- Twitter

नई दिल्ली, एएनआई। पुलवामा हमले जैसे एक और हमले का प्रयास किया गया था, लेकिन सुरक्षा बलों ने आतंकियों के नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया। चिनार कार्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने अपनी किताब 'कितने गाजी आए, कितने गाजी गए' में यह दावा किया है।
सुरक्षा बलों ने किया था नाकाम
ढिल्लों ने दावा किया, 'बहुत से लोग नहीं जानते कि पुलवामा जैसे एक और आत्मघाती हमले की साजिश रची गई थी, हालांकि जब खुफिया एजेंसियों को जैश आतंकियों के इस माड्यूल के बारे में जानकारी मिली तो सेना और सुरक्षा एजेंसियों की टीम ने आतंकियों को मार गिराकर उनके नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया।'
24 फरवरी 2019 की रात बनाई गई योजना
स्थानीय राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) इकाई के साथ आतंकियों के बारे में इनपुट साझा करने और आपरेशन का नेतृत्व करने का श्रेय लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक अमन कुमार ठाकुर को देते हैं। ढिल्लों का कहना है कि सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीम ने 24 फरवरी 2019 की रात संयुक्त अभियान की योजना बनाई।
मारा गया था जैश ए मोहम्मद का आतंकी
ढिल्लों का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान सेना के जवान बलदेव राम आतंकियों की गोलियों से घायल हो गए। अमन ठाकुर ने घायल सैनिक को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, लेकिन आतंकियों ने छिपकर गोली चलाई जिससे वे घायल हो गए। साहस और फौलादी ढृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए अमन कुमार ठाकुर ने आतंकी को घेर लिया। गोलीबारी में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी पाकिस्तान निवासी नोमान मारा गया।
ढिल्लों ने 34 आरआर के नायब सूबेदार सोमबीर की वीरता का भी उल्लेख किया, जिन्होंने एक पाकिस्तानी आतंकी ओसामा को मार गिराया और गोलीबारी में देश के लिए बलिदान दिया। डीएसपी ठाकुर और नायब सूबेदार सोमबीर दोनों को अदम्य साहस और वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा हमला
बता दें कि पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था जब एक आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन को सीआरपीएफ के काफिले की बस से टकरा दिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों को वीरगति प्राप्त हुई थी।
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