20 साल बाद पत्नी को पति और बच्चों का मिला पता, सेतु बना SIR ; क्या है पूरी कहानी?
61 वर्षीय अनीता मंडल को 20 साल बाद अपने पति और घर का पता चला है। घरेलू हिंसा से तंग आकर 2005 में उन्होंने घर छोड़ दिया था। कोलकाता में 10 साल काम करने ...और पढ़ें

अनीता मंडल। स्रोत हैम रेडियो।
इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। 61 वर्षीय अनीता मंडल ने आशा ही छोड़ दी थी कि अब इस जन्म में उसे शायद ही उसके पति, बच्चों व आशियाने का पता चल सकेगा। लेकिन SIR ने इसे मुमकिन कर दिखाया है। 20 वर्ष बाद अनीता मंडल को उसके पति व घर के बारे में पता चला है। उसकी दास्तां बहुत दर्द भरी है।
वर्ष 2005 में उत्तर 24 परगना जिले के एक सुदूर ग्रामीण इलाके की रहने वाली अनीता अपने पति के अत्याचार से तंग होकर आत्महत्या के इरादे से रात में घर छोड़कर निकल गई थी। घर से कुछ दूरी पर एक नदी में उसने छलांग भी लगा दी थी, लेकिन पानी कम होने की वजह से वह बच गई। बदहवासी की हालत में अहले सुबह वह एक लोकल ट्रेन पर सवार हो गई तथा कोलकाता पहुंच गई।
घरेलू हिंसा से तंग आकर 2005 में घर छोड़ा था
अनीता ने बताया कि उसका पति राधाकांत मंडल मजदूरी करता था तथा शराब पीकर उसे निर्वस्त्र कर उसके बच्चों के सामने पशुओं की तरह पिटता था। वह उसके अत्याचार से आजिज आ चुकी थी। कोलकाता में 10 साल तक इधर-उधर भटकने के बाद अंततः एक घर में उसे एक सहायिका का काम मिल गया।
गत 10 वर्षों से वह राज्य सरकार के सेवानिवृत कर्मचारी अमित चक्रवर्ती के घर पर काम कर रही है। जब SIR की प्रक्रिया शुरू हुई, तब अमित चक्रवर्ती ने अनीता का भी आवेदन करवाना चाहा। लेकिन उसके पति, बच्चों व घर का पता तथा अन्य दस्तावेज नहीं होने से उनके सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई।
जब घर छोड़ा तो बाहरी दुनिया से बिल्कुल अनजान थी
अनीता अपने घर का पता बताने में भी असमर्थ थी। क्योंकि 20 साल पहले जब वह घर छोड़कर निकली थी, तब वह बाहरी दुनिया से बिल्कुल अनजान थी।
इसके बाद अमित चक्रवर्ती ने अनीता के घर और उसके पति की जानकारी के लिए हैम रेडियो के वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब से संपर्क किया।
रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया ने महिला से कुछ जानकारी लेने के बाद बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंगलगंज के सरदारपाड़ा में उसके घर व पति का पता चला। फिलहाल उसका पति व उसके बच्चे में केरल में श्रमिक का काम करते हैं।
महिला के सारे दस्तावेज लेकर SIR के आवेदन की प्रक्रिया को पूरा किया गया है। इसमें जादवपुर तथा हिंगलगंज के बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) ने उनकी काफी मदद की।
हालांकि अनीता अपने पति के घर नहीं लौटना चाहती है। वह अमित चक्रवर्ती के घर पर ही काम करना चाहती है। उसका कहना है कि अमित चक्रवर्ती ने ही उसे नई जिंदगी दी है।
यह है हैम रेडियो
हैम रेडियो, जिसे शौकिया रेडियो भी कहते हैं, एक लाइसेंस प्राप्त, गैर-व्यावसायिक रेडियो संचार सेवा है, जो लोगों को रेडियो तरंगों का उपयोग करके आपस में बात करने की अनुमति देती है।
इसका उपयोग शैक्षिक उद्देश्यों, तकनीकी प्रयोग और आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है, जहां यह संचार का एक विश्वसनीय माध्यम बन सकता है।

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