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    'मेरी जमीन, मेरा मंदिर, पुलिस को क्यों बताऊं...', आंध्र प्रदेश मंदिर भगदड़ के बाद क्या बोले पुजारी?

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 04:08 PM (IST)

    आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ से 9 लोगों की मौत हो गई। मंदिर के मालिक हरि मुकुंद पांडा ने कहा कि उन्होंने अपनी निजी जमीन पर मंदिर बनवाया है, इसलिए प्रशासन को सूचित करने की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में एकादशी के दिन अचानक भीड़ बढ़ गई थी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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    वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ मचने से 9 लोगों की मौत हो गई थी (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ मचने से 9 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन से बताया था कि यह सरकारी मंदिर नहीं था, बल्कि एक प्राइवेट प्रॉपर्टी थी। ये भी कहा गया कि मंदिर के संचालकों ने कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया था।

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    वहीं अब इस घटना पर मंदिर के मालिक और पुजारी हरि मुकुंद पांडा का बयान सामने आ गया है। उन्होंने प्रशासन को सूचित नहीं करने के अपने फैसले को सही ठहराया है। समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में पांडा ने कहा, 'मैंने अपनी निजी जमीन पर मंदिर बनवाया है। मैं पुलिस या प्रशासन को सूचना क्यों दूं?'

    4 महीने पहले हुआ है मंदिर का निर्माण

    94 साल के हरि मुकुंद पांडा भगवान वेंकटेश्वर के भक्त हैं। उन्होंने करीब 4 महीने पहले ही मंदिर का निर्माण करवाया है। यह मंदिर तिरुमला के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की तर्ज पर बनवाया गया है। स्थानीय लोग इसे मिनी तिरुपति या चिन्ना तिरुपति कहते हैं। अभी मंदिर का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है।

    लेकिन उससे पहले ही एकादशी के दिन मंदिर में भीड़ जुटने लगी और यह हादसा हो गया। हादसे के बाद सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पांडा ने कहा, 'आप जितने चाहें मामले दर्ज करवा सकते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।'

    पांडा ने कहा, 'मंदिर में आमतौर पर बहुत कम भीड़ होती है। मैं किसी से कुछ नहीं लेता। अपने ही पैसों के खाना और प्रसाद बनाता हूं। लोग दर्शन के बाद प्रसाद ग्रहण कर वापस चले जाते हैं। लेकिन एकादशी के दिन सुबह 9 बजे भीड़ अचानक से बढ़ गई। हमारा बनाया प्रसाद भी खत्म हो गया।' बता दें कि घटना के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया है।

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