एक प्रवेश द्वार और 15000 श्रद्धालुओं की एंट्री...कैसे हुआ आंध्र प्रदेश के मंदिर में हादसा? भगदड़ मामले में सरकार का आया जवाब
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में कासीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी पर भगदड़ मचने से 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मंदिर में क्षमता से अधिक 15 हजार लोग जमा हो गए थे, जिससे रेलिंग टूटने से भगदड़ हुई। मंदिर प्रशासन ने भीड़ की सूचना सरकार को नहीं दी थी। मुख्यमंत्री नायडू ने दुख जताया और राहत कार्य के निर्देश दिए। पूर्व मुख्यमंत्री रेड्डी ने इसे सरकार की लापरवाही बताया।
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कैसे हुआ आंध्र प्रदेश के मंदिर में हादसा भगदड़ में 9 लोगों की मौत (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। कासीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने से कम से कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हादसा उस समय हुआ जब एकादशी की मौके पर हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे।
इसके बाद मंदिर की रेलिंग टूटने से अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। अधिकारियों के अनुसार, अगर मंदिर प्रबंधन ने पहले से प्रशासन को भीड़ की जानकारी दी होती तो यह दुर्घटना टल सकती थी।
मंदिर में आए 15 हजार लोग
राज्य सरकार ने बताया कि करीब 15 हजार लोग मंदिर परिसर में मौजूद थे, जबकि जगह केवल 2 हजार से 3 हजार लोगों की थी। मंदिर के फाटक खुलते ही भीड़ अचानक आगे बढ़ी और लोहे की रेलिंग दबाव में टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई।
राज्य के गृह मंत्री वंगलापुड़ी अनिता के मुताबिक, मंदिर पहली मंजिल पर स्थित है और श्रद्धालु सीढ़ियों से ऊपर जा रहे थे। रेलिंग टूटने पर नीचे खड़े लोग गिर और बाकी उन पर गिर पड़े। श्रीकाकुलम एसपी केवी महेश्वर रेड्डी ने कहा कि मंदिर में सिर्फ एक ही प्रवेश और निकास द्वार था, जिससे भगदड़ बढ़ी।
सरकार के अधीन नहीं आता मंदिर
राज्य सरकार के एंडोमेंट्स मंत्री आनम रमणारायण ने कहा कि यह मंदिर निजी स्वामित्व वाला है और सरकार के एंडोमेंट्स विभाग के अधीन नहीं आता। उन्होंने बताया कि मंदिर की क्षमता बहुत सीमित थी, लेकिन करीब 25 हजार श्रद्धालु एक साथ पहुंच गए। मंदिर प्रशासन ने न तो कोई विशेष व्यवस्था की और न ही सरकार को सूचना दी। गृह मंत्री अनिता ने का कि इस बार एकादशी और कार्तिक मास का शनिवार होने से भीड़ सामान्य से कहीं ज्यादा थी।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक्स पर लिखा, "कासीबुग्गा मंदिर में हुई भगदड़ से मैं बेहद दुखी हूं। मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।" उन्होंने अधिकारियों को घायलों को बेहतर इलाज और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर शोक जताया है।
पूर्व सीएम ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह सरकार की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी तिरुपति और सिम्हाचलम मंदिरों में ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं। रेड्डी ने कहा, "बार-बार हो रही इन त्रासदियों से साबित होता है कि सरकार एहतियात बरतने में नाकाम रही है।"

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